Shriganganagar : विद्यालय के जर्जर भवन को लेकर, नौनिहालों के साथ धरने पर बैठे परिजन
Shriganganagar : अनूपगढ़ की ग्राम पंचायत 12 एबी के गांव 9 ए में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के मुख्य गेट पर पर आज ग्रामीणों ने ताला लगा दिया है औैर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और इस भवन में बने कमरे कभी भी गिर सकते हैं.
Shriganganagar : एक ओर राजस्थान सरकार ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए विभिन्न अभियान चला रही है वही अनूपगढ़ की ग्राम पंचायत 12 एबी के गांव 9 ए में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के मुख्य गेट पर पर आज ग्रामीणों ने ताला लगा दिया है और नौनिहालों के साथ राजकीय प्राथमिक विद्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवाया है मगर प्रशासन ने इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया इसलिए आज मजबूरन उन्हें आंदोलन शुरू करना पड़ा है.
बरसात के दिनों में होती है बहुत समस्या
धरने पर बैठे प्रह्लाद गेदर ने बताया कि बरसात के दिनों में बरसात का पानी विद्यालय के परिसर में भर जाता है और कई बार तो विद्यालय के परिसर में बने कमरों में भी बरसात का पानी घुस जाता है. विद्यालय में बने चार कमरों की दीवारें और छत बिल्कुल जर्जर हो चुकी है इन्हीं कमरों में बच्चों को पढ़ाया जाता है.जर्जर दीवारें और छत कभी भी गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है. विद्यालय में जाने वाले बच्चों के परिजनों को हर बार बड़ी घटना होने का अंदेशा बना रहता है. धरने पर बैठे राकेश कुमार ने बताया कि कई बार बच्चों से उन्हें पता लगा है कि कमरे की छत का प्लास्टर बार-बार बच्चों पर गिरता रहता है और बच्चे घबरा कर कमरों से बाहर आ जाते हैं.
पूर्व में भी उच्चाधिकारियों को करवा चुके हैं अवगत
धरने पर बैठे हनुमान लोहरा ने बताया कि पूर्व में ग्रामीण कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं मगर हर बार प्रशासन के द्वारा केवल आश्वासन दिया जाता है, समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जाता. प्रशासन के द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं किए जाने पर प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है. विद्यालय की प्रधानाध्यापक बबीता सेतिया ने बताया कि विद्यालय में कुल 35 विद्यार्थी है. आज विद्यालय में लगभग 10 से 12 बच्चे आए थे मगर परिजन उन्हें वापस लेकर जा रहे हैं और ग्रामीणों के द्वारा जो धरना लगाया गया है इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है.
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