Sri Ganganagar: सुखाड़िया नगर मार्ग पर स्तिथ टांटिया ग्रुप के टांटिया जनरल हॉस्पिटल की बिल्डिंग पर सवा महीने पहले दो बदमाशों द्वारा सुबह सवेरे फायरिंग (Sri Ganganagar firing) किए जाने के मामले में दो और युवकों को गिरफ्तार किया गया है. इस घटना को 20 जनवरी की सुबह अंजाम देकर फरार हुए दो मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ में नहीं आए. इससे पहले पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार (Arrest) कर चुकी है, लेकिन फायरिंग किए जाने के पीछे के रहस्य का भी अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. वहीं, टांटिया ग्रुप के एक और अस्पताल जनसेवा अस्पताल पर भी एक महीने के अंदर ही फायरिंग होने से सनसनी फैली हुई है. 


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जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के अनुसार फायरिंग की दोनों घटनाओं में काफी कुछ समान है. उन्होंने बताया कि 20 जनवरी की सुबह करीब 5 बजे मोटरसाइकिल पर आए दो बदमाशों द्वारा टांटिया जनरल हॉस्पिटल की बिल्डिंग पर बाहर फायरिंग करने की घटना में पंजाब (Punjab News) के निकटवर्ती फाजिल्का जिले में अबोहर उपखंड क्षेत्र के थाना बहाववाला इलाके के गांव राजांवाली के प्रवीण तथा खैरपुर निवासी अंकित बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया है. 


यह दोनों अपने गांव के निकट दुतारांवाली निवासी सचिन थापन के सहयोगी हैं. सचिन ने इन दोनों और श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar News) में अपने तीन परिचित युवकों विशाल पचार उर्फ बबलू, दीपक जाखड़ और मंगेश बिश्नोई की मदद से दो शातिर बदमाशों से फायरिंग (Firing News) करवाई थी. बिल्डिंग पर फायरिंग करने वालों की पहचान पुणे (महाराष्ट) निवासी संतोष जाधव और अबोहर के समीप एक गांव के निवासी अक्षय डेलू के रूप में हुई है. यह दोनों अभी तक पकड़ में नहीं आए हैं. सचिन कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lorens Bishnoi) का करीबी है. लॉरेंस बिश्नोई नई दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद है. यह गिरोह रंगदारी वसूलने के लिए कुख्यात है. 


पकड़े गए अंकित बिश्नोई ने प्रवीण को छुपाने, फरारी कटाने और संतोष एवं अक्षय को श्रीगंगानगर में ठहराने, खाने-पीने आदि के इंतजाम पर लगाया गया था. अंकित बिश्नोई ने इनको श्रीगंगानगर एक दिन ठहरने और खाने पीने के लिए 2500 रुपए मोबाइल फोन से ऑनलाइन दिए थे. रिमांड मिलने पर पुलिस प्रवीण द्वारा वारदात में इस्तेमाल किए गए मोटरसाइकिल और अक्षय द्वारा उपयोग में लिए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के प्रयास करेगी. 


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महज 20 दिन के अंतराल पर टांटिया समूह के दो हस्पतालों पर फायरिंग किए जाने को लेकर जवाहरनगर और सदर थाना में अज्ञात व्यक्तियों पर हत्या का प्रयास करने के आरोप में अलग-अलग मामले दर्ज हैं, लेकिन इसमें कोई खुलासा नहीं किया गया कि यह फायरिंग किस उद्देश्य से की गई. हालांकि चर्चा यही है कि लोरेंस बिश्नोई गिरोह द्वारा रंगदारी की वसूली को लेकर डराने धमकाने के लिए यह घटनाएं की गई हैं. 
Report- Kuldeep Goyal