घड़साना बाईपास के लिए बनाया गया ओवर ब्रिज शिलान्यास से पहले ही हिलने लगा
Sriganganagar News: अक्सर देखने में आता है कि घटिया निर्माण का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. घड़साना मंडी में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि घड़साना मंडी में कुछ समय पहले ही भारत माला रोड का निर्माण किया गया था. जिसके चलते घड़साना बाईपास के लिए एक ओवर ब्रिज पुल का निर्माण किया गया था. पुल का शिलान्यास होने से पहले ही पुल में तकनीकी खामी साफ नजर आने लगी.
Sriganganagar, Anupgarh: घड़साना मंडी में कुछ समय पूर्व ही भारत माला रोड का निर्माण किया गया था. जिसके चलते घड़साना बाईपास के लिए एक ओवर ब्रिज पुल का निर्माण किया गया था. पुल का शिलान्यास होने से पहले ही पुल में तकनीकी खामी साफ नजर आने लगी.
पुल के ऊपर से बाहरी वाहनों के गुजरने से पुल पर खड़े लोगों को कंपन महसूस होने लगी. जो पुल में लगे घटिया निर्माण सामग्री की ओर इशारा करती है. इसके बाद संबंधित निर्माण एजेंसी ने मौके पर पहुंचकर पुल को बंद किया और. परंतु पिछले दो दिन से निर्माण एजेंसी ने इस पुल का काम शुरू कर दिया और आज इस पुल को आमजन के लिए पूर्णता बंद कर दिया. निर्माण एजेंसी के कर्मचारी पुल पर काम कर रहे हैं आखिर ऐसी कौन सी समस्या आ पड़ी की पुल को बंद करना पड़ा.
पुल में तकनीकी खामी की बात सामने आई
ग्राम पंचायत तीन एसटीआर के सरपंच संदीप ढिल्लों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से यह पुल निर्मित हुआ है तब से लेकर अब तक तीन बार पुल को रखरखाव के नाम पर बंद किया गया है अगर इस पुल में कोई तकनीकी खामी आई है तो निर्माण एजेंसी एक बार में ही इसे क्यों नहीं सही कर रही. बार-बार इसका निर्माण कर आमजन को परेशान कर रही हैं . वहीं दूसरी और संदीप ढिल्लों ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन 10000 से 15000 लोग भिन्न-भिन्न वाहनों के माध्यम से इस पुल के नीचे से आवागमन करते हैं बावजूद इसके निर्माण एजेंसी पुल को लेकर कोई विशेष कदम नहीं उठा रही.
बार-बार बंद करना पड़ रहा पुल, हो सकता है हादसा
मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों ने भी बताया कि पूर्व में भी पुल के पिलरो को मजबूत करने का काम किया गया था. लेकिन इसके बाद भी पुल में किसी प्रकार की मजबूती नजर नहीं आई. अब निर्माण एजेंसी ने पुल के नीचे और ऊपर दोनों तरफ निर्माण करना शुरू कर दिया आखिर इस पुल में ऐसी क्या समस्या आ गई है, जिसके लिए बार-बार पुल को बंद करना पड़ रहा है और निर्माण एजेंसी उसको एक बार में सही करने में असमर्थ है. यदि यह पुल सही मानक पर खरा नहीं उतरता तो पुल से होने वाले हादसे का जिम्मेदार कौन होगा.
नेहरू युवा केंद्र के मंडल अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया की एनएचआई द्वारा जब इस सड़क का निर्माण किया गया था, तब बताया गया था कि इस पर चलने वाले वाहनों से आमजन को राहत मिलेगी और इस पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलने के बाद भी पेट का पानी भी नहीं हिलेगा. लेकिन अब इस सड़क की हालत ऐसी हो गई है .
पेट का पानी तो क्या आदमी खुद ही हिल जाए . जगह-जगह खड्डे और खड्डों पर लीपापोती का काम संबंधित विभाग के द्वारा किया जा रहा है . इस पुल की देखरेख का जिम्मा जिन अधिकारियों के पास है उन अधिकारियों ने आंखें मूंद रखी है बार-बार पुल का निर्माण किसी बड़े हादसे की ओर इशारा कर रहा है.
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