Tonk News: राष्ट्रीय किसान महापंचायत के गांव बंद आंदोलन का असर दिखाई दे रहा है, जिसका आह्वान राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने किया था. टोंक जिले के 1120 गांवों में आज का बंद आह्वान सफल रहा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डोडवाड़ी, खोड़ा का खेड़ा, लोहरवाड़ा, नला गांव सहित कई गांवों में बंद का असर स्पष्ट दिखाई दिया. आज, ग्रामीणों ने शहर में किसी भी उत्पाद को भेजने से इनकार कर दिया. इसके तहत, दूध, फल, सब्जी, अनाज आदि फसलें गांव में ही रहेंगी और शहर में नहीं भेजी जाएंगी. यह कदम किसानों की एकता और संघर्ष को दर्शाता है.


युवा प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि राजस्थान के विभिन्न गांवों में बंद का असर दिखाई दे रहा है. डोडवाड़ी, खोड़ा का खेड़ा, लोहरवाड़ा, नला गांव सहित कई गांवों में बंद का असर स्पष्ट दिखाई दिया है. आज, ग्रामीणों ने शहर में किसी भी उत्पाद को भेजने से इनकार कर दिया है.



किसान महा पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में किसान लामबंद हो गए हैं. उनके आह्वान पर राजस्थान के 45,537 गांवों में गांव बंद का अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण अपने गांव के उत्पादों को गांव में ही रखकर एमएसपी की मांग कर रहे हैं. यह अभियान किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य दिलाने के लिए चलाया जा रहा है.


दूदू फागी में महापंचायत के नेतृत्व में गांव बंद का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है. किसान हर खेत में पानी और फसल के दाम की मांग को लेकर उग्र हो रहे हैं. किसान नेता गांव-ढाणी में जाकर किसानों को एकजुट कर रहे हैं और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. राजस्थान में किसान पंचायत के आह्वान पर 29 जनवरी को 45,000 से अधिक गांवों में गांव बंद का आंदोलन चलाया जा रहा है.


किसानों ने हर खेत को पानी, फसल का उचित दाम और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. इसके तहत, किसान गांव में दूध, फल, सब्जियां, अनाज आदि को गांव में ही रखकर आह्वान कर रहे हैं कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपने उत्पादों को शहरों में नहीं भेजेंगे. यह आंदोलन किसानों की एकता और संघर्ष को दर्शाता है.