flood situation in Tonk district: टोंक के पीपलू कस्बे सहित क्षेत्र में गुरुवार देर रात से शुक्रवार को दिनभर चली मानसून की पहली मूसलाधार बारिश से सड़कें दरिया बन गई. एनिकट, नदी, नाले, रपटे उफान पर आ गए. नाथड़ी नाला, काशीपुरा रपटा उफान पर आने के चलते पीपलू उपखंड मुख्यालय से दर्जनों पंचायत व गांवों का सीधा सम्पर्क कट गया. वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार इस एक दिन की मानसून की बारिश ने 1980 व 1997 की यादें ताजा कर दी.


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कस्बे के शिवालय से काशीपुरा जाने वाली रपट का पानी शुक्रवार को पीपलू कस्बे के अंदर प्रवेश करता नजर आया. वहीं क्षेत्र में कच्ची, पक्की दीवारें ढह गईं. ढूंढिया से देवरी पर बिलायतीपुरा पुलिया पर कटाव आ गया हैं. कई जर्जर स्कूलों की छतों से पानी टपकने से स्कूल के रिकॉर्ड भीग गए. बच्चों की जल्दी छुट्टी करनी पड़ी. कई निचले इलाकों के मकानों में पानी भर गया. कच्चे मकान ढह जाने से कई परिवार बेघर हो गए. बरसाती नाला उफान पर आने से 150 बच्चे स्कूल में फंस गए.



पीपलू कस्बे से करीब एक किमी दूर स्थित महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के रास्ते का नाला शुक्रवार सुबह उफान पर आ गया. इसके चलते 150 बच्चे स्कूल में फंस गए. प्रिंसिपल मधु सक्सेना ने बारिश और ज्यादा आने की संभावना को देखते हुए पेरेंट्स को कॉल किया. ऐसे में कुछ बच्चों के पेरेंट्स 13 किमी का चक्कर लगाकर गाड़ियों से स्कूल पहुंचे. उनके साथ बच्चों को भेजा गया. जिनके पेरेंट्स नहीं आए, उन बच्चों को स्कूल स्टॉफ की कारों से काशीपुरा, नाथड़ी होकर पीपलू बस स्टैंड छोड़ा गया. जहां से उनके पेरेंट्स उन्हें घर ले गए. 



प्रिंसिपल ने बताया कि पीपलू बस स्टैंड से यह स्कूल करीब एक किमी दूर है. रोड पक्की है, लेकिन रास्ते में बरसाती नाला है, जिस पर छोटी पुलिया है. सुबह इस पर पानी नहीं होने से बच्चे यही से होकर स्कूल पहुंच गए. फिर लगातार बारिश होने से नाले पर करीब 5 से 7 फीट तक पानी बहने लगा था. ऐसे में नाथड़ी का रास्ता भी बंद होने की आशंका को देखते हुए करीब 11 बजे से ही बच्चों को दूसरे रास्ते से 13 किमी का चक्कर लगाकर कारों से घर भेजना शुरू किया गया. दोपहर 12 बजे तक सभी 150 बच्चों को सकुशल घर भेज दिया गया था.


हरिपुरा बांध छलका, 6 इंच की चल रही चादर


उपखंड क्षेत्र के संदेड़ा ग्राम पंचायत का हरिपुरा बांध भी शुक्रवार दोपहर 3 बजे तक अपनी पूर्णभराव क्षमता 14 फीट का छूने के बाद छलक उठा. साथ ही शाम तक करीब 6 इंच की चादर चल रही थी. इधर चादर चलने की सूचना के साथ ही ग्राम पंचायत संदेड़ा प्रशासन ने चादर क्षेत्र के किनारे स्थित संदेड़ा, बलखंडियां, अहमदगंज के निचले क्षेत्रों के ग्रामीणों को अलर्ट जारी किया हैं.


सभी एनिकट छलके


नानेर क्षेत्र में सहोदरा बांध के लबालब होकर चादर चलने से कुरेड़ा, देवरी, कुरेड़ी एनिकट की चादर चली. वहीं हरिपुरा एनिकट पर तेज बहाव के चलते क्षतिग्रस्त होकर टूटने की कगार पर पहुंचा जिसे जेसीबी की सहायता से मिट्टी डालकर सही किया गया.



सड़कें बनी दरिया


तहसील कंट्रोल रूम के अनुसार गुरुवार रात 11.00 बजे से शुक्रवार शाम 5 बजे तक कुल 187 एमएम बारिश दर्ज की गई. मानसून की पहली ही तेज बारिश से पीपलू तहसील क्षेत्र में सड़कें दरिया बन गई हैं. सामुदायिक अस्पताल पीपलू, यूनानी अस्पताल पीपलू, पीएचसी रानोली सहित कई राजकीय विद्यालय टापू बन गए. चारों तरफ पानी से घिरने से लोगों को आवागमन में दिक्कतें उठानी पड़ी. पीपलू क्षेत्र के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अतलिकपुरा (डोडवाड़ी), राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अलीनगर (बगड़वा) में तेज बारिश के चलते स्कूल भवनों की छत टपक पड़ी इसके चलते स्कूल का कुछ रिकॉर्ड भीग गया है.  छत टपकने से गीली हुई फर्श के चलते स्कूल प्रबंधन को मजबूरन बच्चों की छुट्टी करनी पड़ी. स्कूलों के खेल मैदान तालाब बन गए. खेत भी लबालब हो गए हैं.


जान जोखिम में डालकर करते रहे पानी को पार


नाथड़ी-पीपलू रपट पर करीब 60 सेमी से अधिक ऊंचाई से पानी बहने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर रपट पार करते नजर आए. लोगों को पीपलू आने के लिए डारडातुर्की, बगड़ी होकर पीपलू आना पड़ा. पीपलू उपखंड अधिकारी कपिल शर्मा सहित अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को पानी की भयावहता को दरकिनार नहीं करने तथा रपट पार नहीं करने की समझाइश कर दूसरी ओर के रास्तों के लिए रवाना किया गया. काशीपुरा रपट के ऊपर से करीब 8 फुट से अधिक ऊंचाई से पानी बहने से काशीपुरा-पीपलू का संपर्क कट गया. इस रास्ते पर भी सुबह से ही आवागमन दिनभर ठप रहा.