Rajasthan News: राजस्थान के टोंक जिले के देवली उनियारा में विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुए बहुचर्चित  SDM थप्पड़ कांड , उपद्रव, आगजनी और पुलिसकर्मियों से मारपीट के मामले में टोंक जिला एवं स्टेशन न्यायाधीश न्यायालय में नरेश मीणा और 18 अन्य आरोपियों की जमानत को लेकर सुनवाई हुई.


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जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने मामले में सुनवाई करते हुए नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. वहीं 18 आरोपियों की जमानत को स्वीकार कर दिया.



नरेश मीणा के वकील एके सूरी ने बताया कि 19 लोगों की जमानत याचिका को लेकर सुनवाई हुई थी जिसमें 18 लोगों की जमानत जिला सेशन न्यायाधीश में स्वीकार कर ली. नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है. वहीं एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ जड़ने का मामला विचाराधीन है.



जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए लिखा है कि समरावता गांव में 13 नवंबर को हुए घटनाक्रम का मुख्य सूत्रधार नरेश मीणा था इसलिए जमानत स्वीकार नहीं की गई है. अब हाईकोर्ट में जमानत को लेकर अपील की जाएगी.



बता दें कि 29 दिसंबर को ही  टोंक जिले के नगरफोर्ट में महापंचायत का आयोजन हुआ था. महापंचायत में प्रहलाद गुंजल ने सरकार को चेतावनी देते हुए 10 दिन का अल्टिमेटम दिया था. नरेश मीणा को रिहा करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपकर गुंजल ने चेतावनी देते हुए साफ कहा था कि 10 दिन सरकार के पास हैं. इसके बाद जयपुर में महापड़ाव होगा, और जब तक नहीं हटेंगे तब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी. सरकार की हम ईंट से ईंट बजा कर रख देंगे.



इस दौरान मंच से संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने BJP सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया. एक साल के कार्यकाल से लेकर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा तक के आरोपों पर खाचरियावास ने भाजपा को जमकर घेरा.