Rajasthan Crime: दहेज सामाजिक बुराई होने के साथ बेटियों के लिए अभिशाप भी है. सरकार, प्रशासन और सामाजिक स्तर पर इसे मिटाने की कोशिशों के बावजूद बेटियां इसकी भेंट चढ़ रही है. ताजा मामला टोंक जिले के अलीगढ़ थानाक्षेत्र सहीदाबाद का है. जहां पिछले दिनों एक विवाहिता की संदिग्ध मौत के बाद ऐसा ही प्रकरण सामने आया है.


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लड़की वालों द्वारा शादी में 11 लाख का दहेज और मोटरसाईकिल देने समेत करीब 20 लाख खर्चा करने के बावजूद शादी के महज 15 माह के भीतर *दहेज के लोभी* कोठड़ी गांव की बेटी के काल बन गए.



22 मई 2024 को अलीगढ़ थानाक्षेत्र के सहीदाबाद निवासी ब्रह्मराज मीणा के साथ भारती की धूमधाम से शादी करने के बाद परिजनों को जरा भी एहसास नहीं था कि जिस बेटी की शादी में हैसियत से ज्यादा खर्च किया उसका यह अंजाम होगा. पंचायत समिति सदस्य गीताराम गुर्जर सहित ग्रामीणों के साथ विवाहिता के पिता ने अलीगढ़ थाने में पहुंचकर विवाहिता के पति व ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने व उनकी बेटी की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.



ससुराल वालों की धमकी



मृतका के पिता धर्मराज मीणा का आरोप है कि बच्ची की मौत होने के बाद 18 सितंबर को ही उन्होंने थाने में मामला करवाने की कोशिश की थी, लेकिन ससुराल पक्ष धमकी दी कि अगर मामला दर्ज कर दिया तो यहां से तुम्हारी लाशें जाएगी. उस दिन हम मामला दर्ज नहीं कर पाए. बेटी का अंतिम संस्कार करने के दो दिन बाद में गांववालों के साथ उन्होंने अलीगढ़ थाने जाकर मामला दर्ज करवाया.



शादी में 20 लाख का खर्चा



अलीगढ़ थानाधिकारी देवेंद्रसिंह ने बताया कि कोटड़ी गांव के रहने वाले धर्मराज मीणा ने दी रिपोर्ट में बताया कि उसकी बेटी भारती का मई 2023 में सहीदाबाद (अलीगढ) निवासी ब्रह्मराज के साथ विवाह हुआ था. जिसमें 11 लख रुपए नगद, मोटरसाईकिल, दहेज का सामान और जेवरात आदि दिए थे. करीब 20 लाख रुपए विवाह में खर्च किए थे.



बेटी को देते थे ताना



भारती के पिता धर्मराज ने बताया कि उनका दामाद ब्रह्मराज, ससुर शोजी, सास तेजबाई और बुआ सास जसोदादेवी आए दिन बेटी को उनकी हैसियत के हिसाब से नगदी व दहेज नहीं देने का ताना देकर ओर ज्यादा दहेज की मांग करते थे. पीहर पक्ष की ओर से बेटी के पति व ससुराल वालों को काफी समझाने के  बावजूद भारती के ससुराल जाने पर उसके साथ मारपीट की जाती. दोबारा दहेज की राशि देने में असमर्थता जताने पर बेटी के ससुराल वाले काफी नाराज थे और बेटी को मारने की धमकी देते थे. इसके बाद वह काफी दिन वह पीहर में ही रही.



15 सितम्बर को 5 लाख लेकर बुलाया



विवाहिता के पिता धर्मराज ने बताया उनकी बेटी उनके पास गांव में रह रही थी. 15 सितंबर को दामाद ब्रह्मराज ने फोन कर भारती से कहा कि 5 लाख रुपए लेकर तुरंत सहीदाबाद आ जा नहीं तो तुम्हें वहां जाकर जान से खत्म कर दूंगा, इसके बाद बेटी द्वारा सारी बात बताने के बाद बेटी को उसके भाई कांजी के साथ ससुराल भिजवा दिया. भाई कांजी भारती को छोड़कर वापस कोटड़ी आ गया. उसके बाद उन्होंने भारती के साथ मारपीट शुरू कर दी.


18 सितम्बर को आया फोन


मृतका के भाई कांजी ने बताया कि 18 सितंबर को ब्रह्मराज ने उसे फोन कर बताया था कि बहन बीमार है और उसे अस्पताल लेकर गए हैं. वहां पहुंचे तो उसकी मौत होने की बात पता चली. भाई ने आरोप लगाया कि ससुरालवालों ने पहले भारती को मार दिया और उसके बाद हत्या को छुपाने के उद्देश्य की फांसी पर लटका दिया. यह भी आरोप लगाया गया कि पुलिस को बिना बताए ही भारती को अस्पताल से ले गए. साथ ही हत्या के सबूत को भी पहले ही नष्ट कर दिया.