Rajasthan Success Story : टोंक जिले में उनियारा क्षेत्र के छोटे से गांव देवली का रहने वाला एक छात्र अब कलेक्टर बन गया है. कलेक्टर बनने के बाद जैसे ही वह अपने गांव में पहुंचा ग्रामीणों ने उसका जमकर स्वागत किया.


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जगह-जगह फूल मालाओं से लाद कर तथा साफा पहनाकर डीजे की धुन पर महिलाओं ने नृत्य करते हुए उसका भविष्य स्वागत किया. जानकारी के अनुसार देवली उनियारा का रहने वाला छात्र विनोद कुमार मीणा पुत्र शंकर लाल मीणा जनरल रैंक में 135 वे स्थान पर उसका चयन हुआ.


वह जब उसकी चयन हुआ तब वह एवं गांव के लोग खुशी से झूम उठे. आज इसी को लेकर रविवार की दोपहर में जब विनोद देवली गांव पहुंचा तो लोगों ने उसका खातोली,उनियारा, अलीगढ़ सहित कई गांव में उसका जमकर स्वागत किया. बाद में अपने गांव पहुंचने पर लोगों ने डीजे की धुन पर उसको घोड़ी पर बिठाकर स्वागत करते हुए अपने घर पहुंचाया. हिंदी मीडियम से की अपनी शिक्षा दीक्षा,विनोद ने बताया वह जब अपने गांव में रहता था तब अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय में ही पढ़ा. 


उसके बाद हिंदी मीडियम से ही उसने कक्षा दसवीं एवं 12वीं पास की. उसके बाद वह अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बाहर निकल गया. मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा और दृढ़ संकल्प को लेते हुए अपने इस लक्ष्य को पूरा कर किया और आज वह कलेक्टर बन गया. जिन्होंने पढ़ाया वह भी गांव पहुंचे.


स्कूली शिक्षा दीक्षा के साथ-साथ बाद में जब वह उच्च स्तर पर पहुंचा तब तक से लेकर उसके भविष्य को सुधारने के लिए इस गांव में पढ़ने वाले अध्यापक रामगोपाल मीणा जो वर्तमान में गुंशी सीनियर हाई सेकंडरी विद्यालय में कार्यरत है. उन्होंने उसके जीवन को संवारने का लक्ष्य लिया और उचित मार्गदर्शन देते हुए उसको समय-समय पर लक्ष्य प्राप्त करने के दिशा निर्देश देते रहे.


आज जब वह कलेक्टर बनकर गांव आया तो वह भी उसको बधाई देने के लिए उसके गांव पहुंचे और ग्रामीणों से मिले। ग्रामीणों ने शिक्षक रामगोपाल मीणा का जमकर स्वागत किया. तीन भाई तीन बहन परिवार में है.  विनोद अपने परिवार में उसके साथ तीन भाई और तीन बहनों का परिवार है। बड़े भाई रेलवे में सर्विस करता है तथा छोटा भाई तैयारी कर रहा है. इसी बीच विनोद भी तैयारी करते हुए आज उसने यह लक्ष्य हासिल कर लिया. साधारण सा परिवार गांव में है.


 देवली गांव में विनोद का परिवार एक साधारण सा परिवार है पिता खेती पर निर्भर है तथा माता घर के काम में व्यस्त रहती है. इसी बीच में विनोद ने पढ़कर इस लक्ष्य को प्राप्त किया जो गांव में एक मिशाल बन गया. रुड़की से अपनी शिक्षा दीक्षा की.  आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद वह मुखर्जी नगर दिल्ली से अपनी तैयारी की और वहां रह कर उसने यह मुकाम हासिल किया.


6 साल बाद लक्ष्य पाया. विनोद कुमार ने जब यह सोच रखा था कि उसे उच्च स्तर पर ही जॉब करना है. 2017 से वह लगातार इसी प्रयास में था, छह बार वह इसकी तैयारी करता रहा और 2023 में उसका सिलेक्शन इस में हो गया अभी वह वर्तमान में असिस्टेंट कमांडेंट की ट्रेनिंग कर रहा है.