Tonk News: देवली-उनियारा विधानसभा के उपचुनावों में समरावता गांव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना द्वारा एरिया मजिस्ट्रेट के थप्पड़कांड के बाद हुए बवाल के बाद मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने नगरफोर्ट के 28 गांवों को उनियारा में शामिल करने का बयान दिया. जिससे नगरफोर्ट के ग्रामीण आक्रोशित हो गए.


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नगरफोर्ट सहित आस-पास के इलाके के सैकड़ों ग्रामीण, व्यापारी और आमजन ने शहर के बाजार की दुकानों को बंद कर विरोध जताया. कचेहरी चौराहे पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर धरना दिया. साथ ही शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए तहसील कार्यालय का घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी मनोज मीणा को ज्ञापन दिया. 



इस दौरान जिला प्रमुख सरोज नरेश बंसल भी नगरफोर्ट पहुंची और ग्रामीणों के आंदोलन की आवाज मुखर की. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,'' यह मेरा गांव है और इस गांव के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे. ग्रामीणों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और नगरफोर्ट को उपखंड का दर्जा दिलाने की मांग रखेंगे.''



वहीं स्थानीय ग्रामीण तेज प्रकाश भंडारी ने बताया कि नगरफोर्ट के 28 गांवों को उनियारा में शिफ्ट करने से नगरफोर्ट के तहसील का अस्तित्व खतरे में पड़ेगा, गांव में आक्रोश है, इस जंग के लिए हर घर से युवा निकलेगा. अगर नगरफोर्ट उपखंड मुख्यालय नहीं बनेगा तो इसकी भी गूंज दिल्ली तक जाएगी. अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी आंदोलन होगा.



वहीं अनीस भारतीय ने बताया कि चुनावों के एक दिन पहले सरकार ने मोहम्मगढ़ और गोठड़ा ग्राम पंचायत को नगरफोर्ट से हटाकर उनियारा में शामिल कर दिया. जिससे नगरफोर्ट की जनता में गहरा आक्रोश था लेकिन समरावता कांड के बाद मुख्यमंत्री ने 28 गांवों को उनियारा में जोड़ने की सैद्धांतिक सहमति दे दी. जिसके चलते आज नगरफोर्ट की जनता ने आज विरोध प्रदर्शन जताया है और अगर मांगे पूरी नहीं की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. 



वहीं उपखंड अधिकारी मनोज मीना ने बताया कि जिला प्रमुख सरोज नरेश बंसल ने ज्ञापन दिया है इनकी मांगों को लेकर राज्य सरकार को अवगत करवाया जाएगा. गांवों को शिफ्ट करने के मामले में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.