Tonk News, टोंक: गोद में मासूम बच्चों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में भटक रही महिलाएं और बुजुर्ग टोंक जिले के डिग्गी कस्बे निवासी हैं. इनकी पीड़ा ऐसी है कि अब तक इनके समाधान बस इस वजह से नहीं हुआ कि इनके गुनहगार प्रदेश सरकार का जलदाय विभाग के मनमौजी कार्मिक और अफसर हैं. 


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जिन्होंने सालों से लिंकेज हो रही पेयजल लाइन की सुध नहीं ली. कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने मौके पर निरीक्षण के दौरान अफसरों और कार्मिकों को फटकार तो जमकर लगाई, लेकिन उसका असर आज तक दहशत में जीवन जी रहे लोगों को देखने को नहीं मिला. 


दरअसल टोंक जिले की विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक धर्म नगरी डिग्गी कस्बे में पिछले एक महीने से कई परिवारों के लोग मकानों में दरारें आने से दहशत में हैं. कई मकान धराशाई होने की कगार पर पहुंच गए हैं. इन मकानों में रहने वाले परिवारों के सदस्य पिछले एक महीने से दहशत में जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं. 


हालांकि जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने इस पूरे की जांच पड़ताल करवाकर आर्थिक मदद दिलवाने का वादा तो बहुत पहले ही कर दिया, लेकिन अब तक इस ग्रामीणों को कोई सहायता राशि नहीं मिल पाई है, जिसके चलते आज डिग्गी निवासी बुजुर्ग रामशंकर शर्मा अपने बच्चों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को अपना दुखड़ा सुनाया. 


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पीड़ित रामशंकर ने बताया कि पूरे जीवन की गाढ़ी कमाई से सपनों का घर बनाया था, लेकिन जलदाय विभाग की पेयजल लाइनों में पानी के रिसाव से मकान में दरारें आ गई. पूरा का पूरा नया मकान जीर्ण-शीर्ण हो गया है. पिछले एक महीने से आर्थिक मदद के लिए अफसरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं, बुजुर्ग महिला भी अपनी पीड़ा सुनाते-सुनाते सुबक पड़ी.


Reporter- Purshottam Joshi