Tonk News: 25 से कम नामांकन वाले 347 स्कूल मर्ज करने की तैयारी, दूर पढ़ने जाएंगे बच्चे
राजस्थान में नामांकन कम होने की वजह से एक बार फिर बड़ी संख्या में सरकारी स्कूलों पर ताला लगने की तैयारी है. प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जिनका नामांकन निर्धारित मापदंड से भी कम है. इन स्कूलों को निकट के सरकारी स्कूलों में मर्ज किया जा सकता है.
Tonk News: नामांकन कम होने की वजह से एक बार फिर प्रदेश में बड़ी संख्या में सरकारी स्कूलों पर ताला लगने की तैयारी है. प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जिनका नामांकन निर्धारित मापदंड से भी कम है. इन स्कूलों को निकट के सरकारी स्कूलों में मर्ज किया जा सकता है.
ऐसे टोंक जिले के भी 347 स्कूल हैं. ऐसे में स्कूल मर्ज होने से मासूमों को पढ़ने के लिए एक से 4 किमी तक दूर जाना पड़ेगा. शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों का भौतिक सत्यापन कर दिया है और इन्हें बंद करना है या नहीं, यह फैसला सरकार पर छोड़ा है. शिक्षा निदेशालय के मुताबिक प्रारंभिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में से 10584 स्कूलों में निर्धारित मापदंड से भी कम नामांकन है.
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इन स्कूलों के पास सरकारी स्कूलों में समाहित करने की संभावना जताई जा रही है. बीकानेर प्रारंभिक निदेशालय ने डीईओ मुख्यालयों से कम नामांकन वाले स्कूलों की सूची मांगी है. इन स्कूलों के निकट के स्कूलों की जानकारी भेजने के लिए कहा है. डीईओ मीना लसाड़िया ने बताया कि टोंक जिले में कम नामांकन वाले स्कूलों की सूची निदेशालय को भेज दी गई है. हालांकि अभी तक स्कूल मर्ज करने के अभी स्पष्ट आदेश नहीं आए हैं. सर्वाधिक 78 स्कूल निवाई के, सबसे कम 33 टोंक के ब्लॉक, देवली 45, मालपुरा 47, निवाई 78, पीपलू 47, टोडा 45, उनियारा 52.
विद्यार्थियों को होगी परेशानी
केस एक: उस्मानपुरा गांव में राप्रावि स्कूल है. यहां नामांकन कम होने से विभाग की ओर से इसे मर्ज करने की सूची में शामिल किया गया है. स्कूल पास के गोहरपुरा स्कूल में मर्ज हुआ तो मासूमों को 4 किमी दूर गोहरपुरा पढ़ने जाना पड़ेगा. गांव के राजाराम गुर्जर, हनुमान आदि अभिभावकों का कहना था कि नामांकन कम है तो और बढ़ा देंगे, लेकिन स्कूल पर तालाबंदी का निर्णय उचित नहीं है.
रघुनाथपुरा कुमावतान गांव का स्कूल भी विभाग की ओर से नामांकन कम कम होने से मर्ज किया जा सकता है. इसको पास के खरेड़ा गांव के स्कूल में मर्ज किया जाएगा. ऐसे में स्कूल में अध्ययनरत बालकों को डेढ़ से दो किलोमीटर दूर पढ़ने जाना पड़ेगा. गांव के पोखर और अन्य अभिभावकों ने बताया कि छोटे बालकों को परेशान होना पड़ेगा.
मर्ज होने पर शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
शिक्षक संघ प्रगतिशील के कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष जसवंतसिंह नरूका, जिलाध्यक्ष धनराजसिंह, शिक्षक संघ शेखावत के संरक्षक ज्ञानसिंह ने बताया कि बताया कि स्कूलों को मर्ज किया गया तो यह निर्णय शिक्षक और विद्यार्थी दोनों की दृष्टि से गलत होगा. इससे शिक्षकों के पद कम होंगे. वहीं विद्यार्थियों को 1 से 4 किमी दूर तक स्कूल में जाना पड़ेगा.
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50 स्कूलों पर संकट
बीकानेर निदेशालय से 10 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों की सूची जारी की गई है. इसमें कम नामांकन वाले सरकारी स्कूलों को दर्शाया गया है, जिसमें मापदंड अनुसार नामांकन कम है. इसमें सबसे अधिक गंगानगर जिले में 839 स्कूल शामिल है. वहीं सबसे कम सिरोही जिले के 50 स्कूलों में मापदंड से कम नामांकन बता रहा है. टोंक जिले में ऐसे 347 स्कूल है.
Reporter- Purushottam Joshi