Dungarpur: प्रदेश के डूंगरपुर जिले में रीट (REET Exam) भर्ती समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पास करवाने के एवज में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के मामले में लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं. मामले में रिमांड पर चल रहे मुख्य सरगना भंवरलाल कड़वासरा जाट ने 10 महीने पहले आयोजित कृषि अन्वेषण भर्ती परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बनकर बैठने की बात कबूल कर ली है. जिसके बाद पुलिस ने एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

धंबोला थानाधिकारी भैयालाल ने बताया कि रीट भर्ती परीक्षा से पहले 23 सितंबर को परीक्षा में पास करवाने के नाम पर फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के मामले का खुलासा हुआ था. पुलिस ने मामले में 12 लाख 17 हजार रुपये के साथ शिक्षक भंवरलाल कड़वासरा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने मामले में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले ई मित्र संचालक बाड़मेर निवासी हरीश जाट को भी गिरफ्तार कर लिया था.


यह भी पढ़ें-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती आज, CM Ashok Gehlot ने दी श्रद्धांजलि


दो दिन पहले ही पुलिस ने मामले में लिप्त दूसरे सहयोगी व मुख्य आरोपी शिक्षक भंवरलाल विश्नोई निवासी बाड़मेर को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया. इसके बाद पुलिस दोनों ही आरोपी भंवरलाल और हरीश जाट को 3 दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. थानाधिकारी ने बताया कि आरोपी शिक्षक भंवरलाल कड़वासरा से पूछताछ में बताया कि 27 दिसम्बर 2020 को कृषि अन्वेषण भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी.


यह भी पढे़ं- RPSC SO Recruitment 2021: Statistics Officer के पदों पर निकली भर्तियां, ऐसे करें अप्लाई


इस परीक्षा में असली परीक्षार्थी भवतीलाल खांट की जगह खुद फर्जी परीक्षार्थी बनकर बैठने के लिए ई मित्र संचालक हरीश से भंवरलाल का फोटो लगा फर्जी आधार कार्ड बनवाया था. इस आधार कार्ड से आलोक सीनियर सेकेंडरी स्कूल फतेहपुरा उदयपुर में फर्जी परीक्षार्थी बनकर परीक्षा दी, लेकिन वह इस परीक्षा में पास नहीं हुआ. भंवरलाल ने यह भी बताया कि भगवतीलाल की एवज में उसने कृषि अन्वेषण भर्ती की परीक्षा दी थी. परीक्षा में पास होने के बाद 2 लाख रुपये देने की बात भी हुई थी, लेकिन पास नहीं होने के कारण यह पैसा भी नहीं देना पड़ा. पुलिस मामले में दोनों ही आरोपियों से पूछताछ कर रही है, जिसमें और भी कई खुलासे हो सकते हैं.


Report-Akhilesh Sharma