सांवलिया सेठ जी मंदिर के चढ़ावे में निकली सोने की ऐसी चीज, फटी रह गई लोगों की आंखें
कोरोना काल (Korona) में भी चितौड़गढ़ के सुप्रसिद्ध श्री सांवलिया मंदिर (Shree Sanwaliya Temple) के भंडारे में कमी के बजाए भंडार भरता ही जा रहा है. श्रद्धालु इसे श्री सांवलिया सेठ का चमत्कार मान (Sanwaliya Seth`s Miracle Value) रहे है.
Chittorgarh: कोरोना काल (Korona) में भी चितौड़गढ़ के सुप्रसिद्ध श्री सांवलिया मंदिर (Shree Sanwaliya Temple) के भंडारे में कमी के बजाए भंडार भरता ही जा रहा है. श्रद्धालु इसे श्री सांवलिया सेठ का चमत्कार मान (Sanwaliya Seth's Miracle Value) रहे है. इस बार भी कोरोना (Korona) के चलते मंदिर प्रबंधन ने कोविड गाइडलाइन (Covid Guideline)का पालन करते हुए मंदिर में भीड़-भाड़ ना हो इसके लिए तमाम इंतजाम किए, बावजूद चढ़ावे में कोई कमी नहीं नहीं आईं. उल्टे भंडारे में भारी मात्रा में नकद राशि और सोना चांदी मिली (Received cash and gold silver) है. मंदिर के भंडार में गत दो दिन से चल रही गिनती में अब तक 5 करोड़ 48 लाख 57 हजार 500 रुपये और 1 किलो सोने बिस्किट (1 Kg Gold Biscuit) के अलावे सोने-चांदी के आभूषण मिले हैं.
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राजस्थान के मेवाड़ में सांवलियाजी में स्थित प्रसिद्ध श्री सांवलिया जी मंदिर (Shri Sanwaliya Ji Temple) का भंडार रविवार को खोला गया. जहां लगातार दो दिन से चल रहे भंडार की गिनती में 5 करोड़ 48 लाख 57 हजार 500 रुपये निकले हैं. इस दौरान इस राशि के साथ 1 किलो सोने का बिस्किट (Gold Biscuit) और चांदी के आभूषण भी मिले हैं. सांवलिया सेठ के मंदिर का जब भी भंडार (दानपात्र) खोला जाता है तो उसमें श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ाई गई भारी राशि निकलती है. सोने -चांदी के आभूषण निकलना भी आम बात है. लेकिन इस बार एक किलो सोने का बिस्किट देखकर भंडार में राशि की गणना करने वाले कर्मचारी भी चकित रह गये.
यहां के सांवलिया जी को सांवलिया सेठ (Sanwaliya Seth) भी कहा जाता है. मंदिर में हर महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पर परंपरा अनुसार दान पत्र खोला जाता है और भेंट राशि की गणना की जाती है. रविवार के दिन सांवलिया जी के भंडार में से 4 करोड़ 53 लाख 48000 रुपये निकले थे. सोने-चांदी के आभूषणों (Gold and Silver Jewelery) के साथ 1 किलो सोने बिस्किट भी मिला. भंडार से प्राप्त राशि की गणना लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रही. सोमवार को भंडार से 95 लाख 9हजार 500 रुपये की राशि प्राप्त हुई है.
विदेशी मुद्रा भी भंडारे में निकले
भंडार खोले जाने के बाद पहले दिन बड़े नोटों की गिनती की जाती है. वहीं उसके बाद छोटे नोटों की गणना होती है. फिर सिक्कों की काउंटिंग की जाती है. भंडार में अथाह राशि आने के कारण इसकी गणना में काफी समय लगता है. इस बार सांवलिया सेठ के भंडार से 1000000 की विदेशी मुद्रा भी प्राप्त हुई है. दो दिन की गणना में अब तक कुल 5 करोड़ 48 लाख रुपये से ज्यादा की राशि प्राप्त हुई है. अमावस्या के अवसर पर पुजारियों ने भगवान को स्नान करा स्वर्ण वस्त्र पहनाई और ब्रह्म भोज का आयोजन किया गया.
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एक बार की गिनती सप्ताहभर चलती है
सांवलिया सेठ जी के प्रति देशभर के लोगों में जबर्दस्त आस्था है. यहां दर्शन करने वाले विदेशी सैलानियों (Foreign Tourists)का भी तांता लगा रहता है. फिलहाल कोरोना के कारण भीड़भाड़ काफी कम है. विभिन्न अवसरों पर बड़े आयोजन भी होते रहते हैं. इन आयोजनों में जबर्दस्त भीड़ उमड़ती है. यहां आने वाले कई श्रद्धालु बड़ी मात्रा में धन राशि और सोने तथा चांदी के आभूषण सांवलिया सेठ को चढ़ाते हैं.