Udaipur news: हिरणमगरी क्षेत्र के रहने वाले महेश सिंघवी ने बताया कि ब्रांच में उन्होंने पत्नी सुनीता मेहता के नाम से लॉकर लिया है. लॉकर में 2.15 लाख रुपए के नोट रखे थे. उन्होने पिछले साल मई में लॉकर खुलवाया था. तब उसमें रखा सारा कैश सुरक्षित था. जरूरत पड़ने पर जब उन्होने को लॉकर खुलवाया तो नोटों की गड्‌डीयां पाउडर की तरह हो चुकी थी और पुरे लॉकर में दीमक लगी हुई थी.


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यहीं, नहीं दमीक का असर लॉकर के बाहर भी साफ दिखाई दे रहा था. लेकिन बैंक के जिम्मेदार कर्मचारियों ने इसओर ध्यान नहीं दिया. जिससे उनकी सारे रुपए दीमक चट कर गई.
दरअसल सुनीता अपने भाई के साथ लॉकर से रुपए निकाले गईं थी. जब उसने लॉकर देखा तो बाहर दीमक लगी हुई थी. खोलकर नोटों के बंडल को देखा तो वह फंसा हुआ था. बैंककर्मी ने स्क्रू ड्राइवर की मदद से बंडल को निकाला.


15 हजार रुपए का बंडल पूरी तरह से खराब था, इसके अलावा एक थैली में 500-500 के नोट के बंडल थे. ऊपर से देखा तो ठीक लगे. इसके बाद बैंक मैनेजर को 15 हजार रुपए खराब होने को शिकायत की. 3 घंटे के बाद 15 हजार रुपए बदल दिए. घर जाने के बाद बाकी 2 लाख रुपए चैक किए तो वो भी दीमक खा चुकी थी. इस पर वे फिर से बैंक पहुंचे और कर्मचारियों की लापरवाही पर हंगाम करने लगें.


इस दौरान अन्य लॉकर धारक भी पहुंच गए. हंगामा बढता देख बैंक मेनेजर ने समजाइश कर मामले का शांत किया. लोग लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही करने और नुकसान के भरपाई की मांग करने लगे. हालाकि बैंक मेनेजर के समजाने पर मामला शांत हुआ. वहीं, ब्रांच मेनेजर ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी है.