Udaipur : राजस्थान के उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद से पूरे प्रदेश में एक महीने के लिए धारा 144 लगा दी गयी है. उदयपुर में कर्फ्यू का तीसरा दिन है वही जयपुर और जैसलमेर पूरी तरह से बंद है. वारदात के विरोध में उदयपुर में संत समाज ने मौन जुलूस निकाला है जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया है.


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पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही भी साफ देखी जा सकती है. मृतक कन्हैयालाल का एक पत्र सामने आया है जिसमें पुलिस से कन्हैया ने सुरक्षा की गुहार लगायी थी. लेकिन कार्रवाई करने के बजाए पुलिस ने दोनों पक्षों को पुलिस स्टेशन में बैठा कर समझौता करा दिया.
हालांकि इस वारदात के बाद समझौता कराने वाले धानमंडी थाने के ASI भंवरलाल को सस्पेंड कर दिया गया है.


कन्हैयालाल ने जो शिकायत पत्र पुलिस को दिया था उसमें लिखा था कि मेरा बच्चा गेम खेल रहा था, उस वक्त गलती से वॉट्सऐप पर स्टेटस लग गया. मुझे इसकी जानकारी ही नहीं थी और ना ही मुझे फोन चलाना ही आता है. मुझे 11 तारीख को थाने से फोन आया कि नाजिम ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.



राजस्थान के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमारिया के मुताबिक, 11 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी. आरोप था कि कन्हैयालाल ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को प्रचारित किया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया था. 11 जून को ही उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई.


15 जून को कन्हैयालाल ने लिखित शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. मुझे सुरक्षा दी जाए. जिसपर दोनों तरफ के 5-5 लोगों ने साथ बैठकर एक समझौता कर लिया था. समझौता पत्र में दोनों पक्षों के तरफ से किया गया कि हमें कोई का कार्रवाई नहीं चाहिए. इसलिए आगे कार्रवाई नहीं की गई और आखिर में कन्हैयालाल की तालिबानी तरीके से नृशंस  हत्या कर दी गयी.


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