Ayodhya Ram Mandir: राम आएंगे.....500 साल के इंतजार के बाद 22 जनवरी 2024 को अयोध्या नगरी में बने भव्य राम मंदिर में प्रभु राम विराजमान होंगे. कहते हैं कि राम की लीला तो राम ही जानें. रामलीला का अंतिम सोपान धरती पर घटित हुआ और माता-सीता भी धरती में समाई. वहीं, राजस्थान के प्रतापगढ़ की धरती भी सौभाग्यशाली रही. 


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मेवाड़ से माता सीता और लव कुश के बाल्य काल से जुड़ा हुआ. ऐसे में यहां 22 जनवरी 2024 को दीपक जलाकर दिवाली मनाई जाएगी. इस जगह पर सीता माता मंदिर और हनुमान मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. इसके अलावा साधु संत भजन-कीर्तन कर खुशियां मनाएंगे. 


सीता माता अभ्यारण्य का एक ऐसी जगह है, जहां करीब पौन किलोमीटर तक पहाड़ दो हिस्सों में फटा हुआ है. कहा जाता है कि माता सीता यही पर धरती में समाई थी. जहां से पहाड़ फटा हुआ है, वहां माता सीता का मंदिर बना हुआ है. यहां पर मेवाड़, मालवा और गुजरात के श्रद्धालु आते हैं. यहां के लोग माता सीता को वन की देवी कहते हैं और उनकी पूजा करते हैं. 


जानकारी के मुताबिक, प्रभु राम का राज तिलक होने के बाद राजा राम ने माता सीता पर आरोप लगाया. इसके बाद  माता सीता ने उनका परित्याग किया और वह प्रतापगढ़ में स्थित वाल्मीकि आश्रम में गई. इस स्थान पर माता सीता ने लव कुश को जन्म दिया. यहां आज भी वाल्मीकि आश्रम और ठंडी गर्म जलधारा देखने को मिलती है. 


बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या नगरी में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा है, जिसको लेकर जोरों शोरों से तैयारियां की जा रही हैं. इस कार्यक्रम में पूरे देश से कई बड़े VIP आने वाले हैं. इसके अलावा कार्यक्रमों को लेकर 16 जनवरी से यहां अनुष्ठान हो रहे हैं, जिसमें पीएम मोदी शामिल हैं. इस दौरान पीएम मोदी नारियल पानी और फलों का सेवन करेंगे. साथ ही जमीन पर सोने का निर्णय लिया है.