NEET 2023 : कहते हैं कि ज्ञान के आगे संसार झुक जाता है, लेकिन यहां एक पिता झुका है. कहानी चित्तौड़गढ़ के रामलाल की जिसका बाल विवाह कर दिया गया. रामलाल 6वीं में था जब अपनी की शादी में नाच गा रहा था. अपनी की हम उम्र के साथ उसकी शादी हो चुकी थी. शादी के मायने दोनों ही नहीं जानते थे.


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10वीं में 74वीं फीसदी अंक लाने के बाद जब रामलाल ने पिता से आगे पढ़ाई के लिए पूछा तो पिता ने मना कर दिया और काम में हाथ बटाने को कहा. रामलाल नहीं माना तो पिता ने खूब पीटा भी. लेकिन पढ़ाई को लेकर जुनून के चलते रामलाल उदयपुर भाग गया. 


उदयपुर में रामलाल को 12वीं क्लास में बॉयोलॉजी विषय पढ़ने को मिला और 81 फीसदी के साथ 12वीं बोर्ड पास किया . इधर दोस्त के पिता ने रामलाल के पिता का समझा दिया था कि बेटे को पढ़ने दो. रामलाल ने 12वीं में पढ़ाई के दौरान ही नीट के बारे में सुना. समाज कल्याण विभाग के अंबेडकर छात्रावास में रहकर निशुल्क रामलाल ने पढ़ाई की.


ये रामलाल की मेहनत ही थी की 5वीं कोशिश में  NEET2023 में उसे 632 अंक मिले. रामलाल को ऑल इंडिया में 12901 और अपनी कैटेगिरी में 5127वीं रैंक हासिल हुई. चित्तौड़गढ़ के घोसुंदा के रहने वाले रामलाल भोई का परिवार भेड़च नदी किनारे कच्चे मकन में रहता है, जहां ज्यादातर लाइट नहीं होती है.


रामलाल के माता-पिता मजदूर है जो मजदूर कार्ड के जरिए कभी कभी काम मिल जाने पर दो रोटी का जुगाड़ कर लेते हैं. परिवार में 5 भाई बहन है जिसमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है. रामलाल की पत्नी भी 10वीं तक पढ़ी लिखी है. रामलाल बताते हैं कि पत्नी भी पढ़ना चाहती थी लेकिन मेरे लिए उसने पढ़ाई छोड़ दी और घर संभाला.


रामलाल की कामियाबी से परिवार खुश है. ये तस्वीरें बताती हैं. पिता के चेहरे पर खिल रही मुस्कान अपनी गलती मानने जैसी है. लेकिन अभी सफल लंबा है. डॉक्टर बनने के लिए अभी लंबी पढ़ाई बाकी है. वैसे रामलाल डॉक्टर बनने के बाद राजनीति में आना चाहते हैं ताकि अपने जैसे गरीब लोगों की मदद कर सके.  रामलाल के घर कुछ महीनों पहले ही बेटी का जन्म हुआ है. शायद बेटी ही पिता का भाग्य लेकर आई है और पिता का देखा डॉक्टर बनने का सपना वो भी साथ देखेगी.