Udaipur के गांवों का हैरान कर देने वाला मामला, कपड़े की झोली में बीमार
लोहारी और आप-पास के गांवों को जोड़ने के लिए काई सड़क मार्ग नहीं है.
Udaipur: पूरे देश में आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने का जश्न मनाया जा रहा है. इस दौरान सरकारें भी देश में हुए विकास को लेकर अपने-अपने दावें कर रही है लेकिन उदयपुर के आदिवासी (Tribesman) इलाके कोटड़ा से एक एसी तस्वीर सामने आई है, जो इन तमाम दावों की पोल खोल रही है.
आजादी के साढ़े सात दशक पूर्ण होने के बाद देश के विकास को रफ्तार देने के लिए ट्रेन और डिजिटल इंडिया (Digital India) की बातें हो रही है लेकिन इस बीच ऐसे कई इलाके है जहां के लोग आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे है. कुछ ऐसा ही हाल है दुनिया के सबसे खुबसूरत शहरों में सुमार उदयपुर (Udaipur News) जिले के आदिवासी क्षेत्र कोटड़ा का है, जहां के दर्जनों गांवों तक सड़क नहीं पहुंची है. ऐसे में परिवार में जब काई सदस्य बीमार हो जाता है तो ग्रामीण उसे कपड़े की झोली में डाल कर अपने कंधें पर लाद कर कई किलो मीटर का सफर पैदल तय कर हॉस्पीटल ले जाते है, जिससे उसकी जान बचा सके.
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कुछ ऐसी ही हाल एक बार फिर कोटड़ा के लोहारी गांव से सामने आया है. गांव तक सड़क नहीं होने के कारण परिवार के लोग अपने बीमार सदस्य को कंधें पर लाद कर तीन किलो मीटर तक पैदल चले और फिर उसे हॉस्पीटल पहुंचाया. यहां गंभीर अवस्था में उसे गुजरात रेफर कर दिया गया है. इस दौरान लोगों को टूटी पुलिया को कडी मशक्त के साथ पार करना पड़ा. ग्रामीणों ने बताया कि यह पहल मौका नहीं है, जब वह अपने परिवार के सदस्य को इस तरह से कंधे पर लाद कर हॉस्पीटल लाए हो.
जानकारी के अनुसार, लोहारी और आप-पास के गांवों को जोड़ने के लिए काई सड़क मार्ग नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्ग पर पहुंचने के लिए नदी पर जो रपट बनी हुई थी. वह भी अब टूट चूकी है. ऐसे में उनकी परेशानी ओर बढ़ गई है. वहीं, उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि लोगों ने अपने समस्याओं को लेकर जिम्मेदारों को आगाह नहीं कराया हो लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है.
बहरआल यह पहला मौका नहीं है कि आदिवासी इलाके से मानवता को जकजोरने वाली ऐसी तस्वीर सामने आई हो लेकिन यहां के हालात को सुधारने के लिए जिम्मेदारों के लिए किसी ने व्यापक स्तर पर प्रयास नहीं किए, जिससे यहां की तस्वीर को बदला जा सके.
Reporter- Avinash Jagnawat