Udaipur: राजस्थान के उदयपुर के श्रीनाथजी का मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां भक्तों की कतारें पूरे साल लगी रहती है. इनके भक्त पूरी दूनिया के कोने-कोने से साल भर यहां आते हैं,साथ ही भक्तों के लिए दर्शन के लिए उत्तम व्यवसाथ की गई है. व्यवसथा इतनी अच्छी होती है कि भक्तों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है. यहां इतनी सही व्यवसथा का श्रेय किसे जाता है. जानिए इस रिपोर्ट में.


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400 साल पूराना
राजस्थान में मौजूद यह मंदिर 400 साल पूराना है. यह मंदिर  उदयपुर के नाथद्वारा में स्थित है.इस मंदिर को मेवाड़ के महाराणा राज सिंह ने बनवाया था.उसी वक्त यहां भगवान श्रीनाथजी की सेवा होती है. सालों-साल यहां भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. पूरी दुनिया से यहां लोग दर्शन के लिए आते हैं. लोगों की गहेरी आस्था है श्रीनाथजी से. 


300 सेवके तैनात
आपको बता दें कि मंदिर की व्यवस्था इतनी अच्छी है कि लोग इसकी  तारीफ करते नहीं थकते . सभी भक्तों को बड़े आराम यहां दर्शन प्राप्त हो जाते हैं. जिसका पूरा श्रेय मंदिर समिति के प्रबंधन को जाता है. यहां मंदिर सेवकों की एक बड़ी टीम है,जो पूरी व्यवसथा देखती है. जानकारी के मुताबिक यहां एक साथ 300 सेवके तैनात होते हैं. 


24 घंटे तैनात
 ये सेवक मंदिर के गर्भगृह से लेकर भक्तों को यहां तक लाने में हर प्रकार की मदद करते हैं.मंदिर में पूजा, भोग, फूल, घी, पान, सुरक्षा सभी के लिए अलग अलग विभाग बनाए गए हैं. सभी विभागों में हर समय एक सेवक तैनात रहता है. सैकड़ो सेवक श्री नाथजी में करीब 24 घंटे तैनात रहते हैं.


दिनचर्या
श्रीनाथजी के दर्शन को दिन के आठ हिस्सों में बांटा गया है. इन सभी भागों के अलग-अलग नाम है, इनको – मंगला, श्रृंगार, ग्वाल, राजभोग, उथापन, भोग, आरती और शयन नाम से बुलाया जाता है.साथ ही सभी समय भगवान श्रीनाथजी को अलग -अलग रूप में तैयार किया जाता है.भगवान श्रीनाथजी की दिनचर्या सुबह जल्दी उठाने से लेकर नहलाने, भोजन कराने, आराम कराने और सुलाने का कार्य मंदिर के पुजारी और सेवक करते हैं. 


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