उदयपुर कोर्ट का समलैंगिक विवाह का मामला, दोनों युवतियों ने जताई घर जाने की इच्छा
उदयपुर कोर्ट में जीवनभर साथ रहने पर अड़ी दोनों युवतियां आज अपने परिजनों के साथ अपने घर चली गई. परिजनों की समझाइश और कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के बाद दोनों युवतियों ने न्यायालय में अपने परिजनों के साथ जाने की मंशा जाहिर की.
Udaipur: एक दिन पहले उदयपुर कोर्ट में जीवनभर साथ रहने पर अड़ी दोनों युवतियां आज अपने परिजनों के साथ अपने घर चली गई. परिजनों की समझाइश और कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र के बाद दोनों युवतियों ने न्यायालय में अपने परिजनों के साथ जाने की मंशा जाहिर की. इस पर कोर्ट ने युवतियों को अपने घर जाने की अनुमति दे दी. मामले में अगली सुनवाई 29 जून को झाड़ोल कोर्ट में होगी.
दरअसल मंगलवार को उदयपुर कोर्ट में उस समय गहमा-गहमी का माहौल हो गया, जब झाड़ोल थाना पुलिस के साथ न्यायलय पहुंची दो युवतियों ने जीवन भर पति-पत्नी की तरह साथ रहने की मंशा जाहिर की. इस दौरान परिजनों की समझाइश के बाद भी वे अपनी बात पर अड़ी रही. शाम तक मामले में सुनवाई पुरी नहीं होने के कारण कोर्ट ने दोनों युवतियों को नारीनिकेतन भेज दिया. वहीं, मालमे में बुधवार को न्यायालय ने फिर से सुनवाई शुरू की.
इस दौरान परिजनों की ओर से अधिवक्ता मोहम्द साबिर ने एक शपथ पत्र पेश किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटियों को घर में अच्छे से रखेगें उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जाएगा. साथ हीं, उन्हे एक दूसरे से मिलने और बात करने की आजादी भी रहेगी.
मोहम्द साबिर ने बताया कि अजमेर जिले की रहने वाली दोनों युवतियां साथ रहना चाहती थी, लेकिन उनके परिजनों के नहीं मानने पर करीब ढाई महीने पहले परिजनों को बीना बताए वो घर छोड़कर चली गई थी, जिसकी गुमसुदगी भी दर्ज कराई गई थी.
इस दौरान युवतियों के झाड़ोल में होने का पता चला. इसके बाद समझाइश के बाद उन्होंने न्यायालय में अपने-अपने घर जाने की इच्छा जताई. उन्होने कहा कि दोनों ने समलैंगिक विवाह नहीं किया है. वहीं, युवतियों ने लिव इन रिलेशनशिप से जुड़े भी कोई दस्तावेज कोर्ट में नहीं दिए. दोनों अपनी स्वेच्छा से परिजनों के साथ गई हैं.
Reporter- Avinash Jagnawat
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