Udaipur: बलि के लिए खरीदा बकरा, पूरा परिवार हो गया खत्म, 10 फीट के दायरे में छिपा मौत का राज !
Udaipur News: उदयपुर के गोगुन्दा थाना क्षेत्र के झाडोली के पास गोल नेड़ी गांव में सामूहिक 6 लोगों की मौत का मामला सामने आया है.बच्चे अपनी मर्जी से लटके या किसी के कहने पर लटके हैं, इसके बारे में जांच की जा रही है. आसपास के पूरे इलाके में इस घटना से हड़कंप मच गया है.
Udaipur News: उदयपुर के गोगुन्दा थाना क्षेत्र में सनसनीखेज सामूहिक मौत का मामला सामने आया है. जहां एक ही परिवार के 6 लोगो की मौत की खबर से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. गोगुंदा थाना क्षेत्र के झाडोली के पास गोल नेड़ी गांव में पुलिस को छह लोगों की लाश मिली है. मरने वालों में 4 बच्चे और एक दंपती है. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में लग रहा है कि परिवार के ही मुखिया ने सभी को मारकर खुद भी आत्महत्या कर ली है. मृतकों की पहचान प्रकाश (40) पिता सोहन और दुर्गा (35) पत्नी प्रकाश के रूप में हुई है. इनके चार बच्चे हैं. सबसे छोटा बेटा 4 महीने का है. तीन बच्चे गणेश (5), पुष्कर (4), रोशन (2) फंदे पर लटके मिले हैं, वहीं महिला अपने 4 महीने के बच्चे गंगाराम के साथ बिस्तर पर मृत मिली है.
परिवार ने आत्महत्या के लिए ओढ़नी का फंदा बनाया गया था. खेत के किनारे प्रकाश और उसके भाईयो के घर बने हुए हैं. इसी घर में छह लोगों की लाश मिली है. घटना के बारे में जानकारी मिलते ही गांव के कई लोग इकट्ठा हो गये. पुलिस प्राथमिक तौर पर इसे सुसाइड का केस मान रही है, लेकिन बच्चे अपनी मर्जी से लटके या किसी के कहने पर लटके हैं, इसके बारे में जांच की जा रही है.
छोटे भाई ने खोला था गेट
पुलिस के मुताबिक प्रकाश के घर के बाहर कच्चा बरामदा है और उसके अंदर वाले कमरे में ही सभी लोग मृत मिले. प्रकाश के घर के सामने उसके छोटे भाई दुर्गाराम का घर है, सुबह करीब 8:30 बजे तक जब प्रकाश ने घर का दरवाजा नहीं खोला तो उसे शक हुआ. जिसके बाद दुर्गाराम ने दरवाजे को खोलकर देखा तो अंदर सभी के शव पड़े मिले. इससे घबराकर उसने ग्रामीणों को जमा किया और सरपंच पदमाराम गमेती को इस बारे में बताया.
सूरत से तीन महीने पहले लौटा था घर
थानाधिकारी योगेन्द्र व्यास ने बताया कि मौत के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, नवरात्रि के दौरान मृतक प्रकाश गांव आया था.सूरत में साफ-सफाई का काम करता था और काफी समय से बीमार चल रहा था.इस वजह से काम पर वापस नहीं लौटा. प्रकाश जब 10 साल का था, तब ही उसके पिता सोहन की मौत हो गई और मां की दूसरी शादी हो गई. प्रकाश और छोटा भाई दुर्गाराम पास में ही अलग-अलग घर में रहते हैं. दोनों भाइयों में ज्यादा बातचीत नहीं होती थी. पुलिस प्राथमिक तौर पर आर्थिंक तंगहाली का बड़ा कारण मानते हुए इसे सुसाइड का मान रही है. फिलहाल पुलिस परिवार के लोगों से पूछताछ कर रही है कि उसकी आर्थिक स्थिति कैसे थी? इस दौरान जांच के लिए पुलिस डॉग स्क्वॉयड की सहायता ले रही है. डॉग भी करीब 10 फीट के उसी दायरे में काफी देर तक घूमता रहा. पुलिस घर में रखे एक-एक सामान की जांच कर रही है.
परिवार में भी नहीं थी कोई कलह
छोटे भाई दुर्गाराम ने बताया कि पति-पत्नी का आपस में झगड़ा नहीं था. प्रकाश को पिछले दो महीने में दो बार टायफाइड हुआ था, इस वजह से वह काम पर नहीं लौटा. कल भी सब लोग ठीक थे, देर रात तक घर में लाइट जल रही थी.
बलि के लिए लाया था बकरा
मृतक प्रकाश के भाई दौलाराम गमेती ने बताया कि प्रकाश को जब इलाज से आराम नहीं मिला तो उसने ठीक हो जाने पर बकरे की बलि देने की मनोकामना भी थी. बलि देने के लिए बकरा भी खरीदा था. सूचना मिलने पर तिरोल गांव की रोई डांग की भागल से मृतका के परिजन गोल नेड़ी पहुंचे.
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