Udaipur Royal Family Dispute, Vishvaraj Singh Mewar:  व‍िश्‍वराज स‍िंह के समर्थकों ने हाईकोर्ट में केव‍िएट दाख‍िल क‍िया है. उन्होंने कहा क‍ि हमारा पक्ष सुना जाए. व‍िश्‍वराज स‍िंह मेवाड़ के वकील नरेंद्र स‍िंह कछवाह ने बताया क‍ि प्रशासन ने जो नोटि‍स लगाया है, अगर व‍िपक्ष इसके व‍िरोध में उस पर याच‍िका दायर करता है, और इस पर सुनावाई होगी तो हमें भी सुना जाए. आज (27 नवंबर) व‍िश्‍वराज स‍िंह एकल‍िंगनाथजी मंद‍िर कैलाशपुरी दर्शन करने जाएंगे. इसके पहले मंगलवार (26 नवंबर) देर रात प्रशासन ने व‍िवाद‍ित जगह को अपने अधि‍कार क्षेत्र में ले ल‍िया. 


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विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थकों ने हाईकोर्ट में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें उन्होंने अपने पक्ष को सुनने की मांग की है. उनके वकील नरेंद्र सिंह कछवाह ने बताया कि प्रशासन के नोटिस के विरोध में विपक्ष द्वारा याचिका दायर किए जाने पर, उन्हें भी सुना जाना चाहिए. इस बीच, विश्वराज सिंह 27 नवंबर को एकलिंगनाथजी मंदिर कैलाशपुरी दर्शन करने जाएंगे, जो एक महत्वपूर्ण घटना है.





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विश्वराज सिंह मेवाड़ आज एकलिंगनाथजी के दर्शन करने के लिए कैलाशपुरी जाएंगे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह झगड़ा नहीं चाहते हैं और इसलिए धूणी दर्शन करने नहीं जाएंगे. उनके इस फैसले के पीछे उनकी इच्छा है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से एकलिंगनाथजी के दर्शन कर सकें. हालांकि, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष बालूसिंह कानावत का कहना है कि परंपरा के अनुसार पहले धूणी के ही दर्शन होंगे, इसके बाद ही एकलिंगनाथ के दर्शन किए जाएंगे.



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सिटी पैलेस में स्थित धूणी माता का मंदिर मेवाड़ राजघराने की कुलदेवी है, और यहाँ दर्शन करना राजघराने की एक पुरानी परंपरा है. इस मंदिर का नियंत्रण अरविंद सिंह मेवाड़ के पास है, जो विश्वराज सिंह के चाचा हैं. मेवाड़ राजघराने की परंपरा के अनुसार, कोई भी शुभ काम करने से पहले धूणी माता का दर्शन करना आवश्यक है. राजतिलक जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर भी धूणी माता का दर्शन करने की परंपरा है.





विश्वराज सिंह मेवाड़ को उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने सोमवार को उदयपुर सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन करने से रोक दिया. यह घटना विश्वराज सिंह के चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म के बाद हुई. परंपरा के अनुसार, विश्वराज सिंह को धूणी माता के दर्शन करने थे, लेकिन अरविंद सिंह ने उन्हें प्रवेश से रोक दिया. धूणी माता मंदिर ट्रस्ट अरविंद सिंह के नियंत्रण में है, जो विश्वराज सिंह के चाचा हैं.



 



 



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