Disabled Mass Wedding in Udaipur:  राजस्थान के उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान की ओर से आज 40वां नि:शुल्क दिव्यांग और निर्धन सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया. बड़ी स्थित संस्थान के सेवा महातीर्थ में आयोजित हुए विवाह समारोह में 54 जोड़ो ने अग्नि को साक्षी मान कर विवाह बंधन में बंधना स्वीकार किया.


40वां नि:शुल्क दिव्यांग और निर्धन सामूहिक विवाह समारोह


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बैसाखी या किसी और के सहारे के बिना उठ नहीं सकते, चल नहीं सकते, देख नहीं पाते, मगर एक -दूसरे का साथ निभाते हुए जिंदगी के सफर को खुशनुमा तो बना ही सकते हैं, कुछ ऐसे ही भावों के साथ उदयपुर में आज 54 दिव्यांग एवं निर्धन जोड़ों ने पवित्र अग्नि के सात फेरे लेकर गृहस्थ जीवन का सफर शुरू किया. मन उमंगों से तरंगित हुआ तो दिव्यांगता और गरीबी का दंश पीछे छूट गया.


देश भर से आए हजारों अतिथियों की मौजूदगी में शाही इंतजामों के बीच नाते -रिश्तेदारों, मित्रों और धर्म माता-पिता ने जोड़ों को सुखी वैवाहीक जीवन का आशीर्वाद प्रदान किया. इस मौके पर संस्थान के संस्थापक कैलाश ''मानव'', सह संस्थापिका कमला देवी, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, निदेशक वंदना अग्रवाल, ट्रस्टी निदेशक जगदीश आर्य, देवेंद्र चौबीसा, राजेंद्र कुमार, पलक अग्रवाल सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे.


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सुबह सबसे पहले शुभ मुहूर्त में नीम की डाली से तोरण की परम्परागत रस्म का निर्वाह किया. इसके बाद भव्य पण्डाल में गाते-झूमते हजारों लोगों के बीच नव-युगल ने  एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली. इस दौरान जोड़ों पर गुलाब पुष्प की पंखुरियाँ की वर्षा होती रही.  इसके बाद भव्य पाण्डाल में निर्मित 52 वेदी-अग्निकुंड पर जोड़ों का आचार्य ने वैदिक मंत्रों और विधि- विधान से विवाह संपन्न करवाया. 


उपहार एवं विदाई


विवाह विधि संपन्न होने पर नव-युगल को संस्थान व अतिथियों की ओर से नवगृहस्थी के लिए आवश्यक सामान एवं उपहार स्वरूप स्वर्ण व रजत आभूषण प्रदान किए गए. जिसमें मंगलसूत्र, चूड़ी, लोंग, कर्णफूल, अंगूठी, रजत पायल, बिछिया आदि शामिल थे जब कि गृहस्थी के सामान में गैस चूल्हा, पलंग -बिस्तर, अलमारी, संदूक, बर्तन, सिलाई मशीन, पानी की टंकी आदि हैं.


जोड़ों को दोपहर 2 बजे मंगल आशीर्वाद के साथ डोली में विदाई हुई तथा संस्थान के वाहनों से उनके घर तक पहुंचाया गया. संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि अब तक संस्थान की ओर से 2304 जोड़ो का सामूहिक विवाह कराया जा चुका है. हर साल दो बार संस्थान की ओर से यह आयोजन किया जाता है। आगे भी यह क्रम जारी रहेगा.