Udaipur: उदयपुर के अम्बामाता थाना इलाके में हुई बजरंग दल पदाधिकारी राजू परमार की हत्या के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी प्रितम सिंह उर्फ बंटी को पुलिस गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक पिस्टल और सात जिंदा कारतूस जब्त किए है. पुलिस पूछताछ में अरोपी ने हत्या के संबंध में कई अह्म खुलासे किए है. वहीं, हत्या के मामले में लिप्त अन्य आरोपियों को भी पुलिस ने चिह्नत किया है.


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मामले का खुलासा करते हुए एसपी विकास शर्मा ने बताया कि राजु परमार के हत्या की साजिश जेल में बंद कुख्यात अपराधी दिलीप नाथ ने रची. इसके लिए दिलीप ने प्रितप सिंह और विजय मीणा को घर और पैसों का लालच दिया. साथ ही पारिवारिक समारोह में भी आर्थिक मदद करने का भरोसा दिया. इसके बाद प्रितम और विजय ने मिल कर राजु की गोली मार कर हत्या कर दी. 


पुलिस हत्या में शामिल विजय को पहले ही गिरफ्तार कर चूकी है. वही फरार चल रहे आरोपी की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही थी. इसी दौरान पुलिस को मुखबिर के जरिए सुचना मिली कि हत्या का मुख्य आरोपी केवडे की नाल में है और वहां से फरार होने की फिराक में है. इस पर पुलिस की विशेष टीम केवडे की नाल पहूंची. जहां पुलिस को देख प्रितम ने भागने का प्रयास किया और पहाडी से निचे कूद गया. जिससे उसके पैर में चोट लग गई और वह घायल हो गया. पुलिस ने प्रितम को गिरफ्तार कर लिया.


दिलीप नाथ से था विवाद


एसपी शर्मा ने बताया कि राजू परमार और दिलीप नाथ के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. यही नहीं दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ शिकाय भी कर रखी थी. इसी के कारण दोनों के बीच में दुश्मनी चल रही. 


दिलीप ने राजु से बदला लेने के लिए उसकी हत्या की साजिश रची. दिलीप उदयपुर के केन्द्रीय कारागृह में रह कर मोबाइल का उपयोग कर रथा. पुलिस ने कुछ दिन पहले जेल में रेड भी मारी थी. जिसमें उसकी सेल से मोबाइल भी जब्त किया. इसके बाद उसे अजमेर जेल में शिफ्ट कर लिया गया.


ध्यान भटकाने के लिए फैसबूक पर डाली पोस्ट


एसपी शर्मा ने बताया हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद प्रितम ने एक प्लान के तहत ही फेसबुक पर अपने मामा की जमीन कब्जा करने को लेकर चल रहे विवाद के कारण राजू की हत्या करने की जिम्मेदारी ली. जिससे पुलिस का ध्यान भटकाया जा सकेऔर हत्या की साजिश रचने वाले दिलीप नाथ की तरफ भी पुलिस का ध्यान नहीं जाए. हालाकि इस संबंध में प्रितम के मामा ने पुलिस में काई शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी.


लगातार कर रहे थे रेकी


एसपी शर्मा ने बताया कि राजु की हत्या को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने योजना तैयार की. हत्या से पहले भी आरोपियों ने कई बार राजू की रैकी की. लेकिन उन्हे अपनी योजना को अंजाम देने की सफलता नहीं मिली. लेकिन 7 फरवरी को उन्हे मौका मिल गया और उन्होने राजु पर पिस्टल से फायर कर दिए. एक फायर मिस हो गया. वही दो गोली राजू का लगी. जिससे उसकी मौत हो गई.