Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर के हिरणमगरी थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस ने अपनी कार्रवाई में नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं के साथ करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की टीम आरोपियों से मामले में पूछताछ कर रही है. 


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मामले का खुलासा करते हुए हिरणमगरी थाने के एसआई अंकित कुमार ने बताया कि थाना क्षेत्र के विद्यानगर सेक्टर चार में रहने वाले कुलदीप सिंह ने नाम जद मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उसने बताया कि उसके रिश्तेदार दिल्ली निवासी विजयलक्ष्मी राठी ने सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम से उसके और उसके अन्य परिचितों से करीब 1.20 करोड़ रुपये ठग लिए है. इस पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू किया. 


इस दौरान पुलिस ने ठगी के मुख्य आरोपी विजयलक्ष्मी राठी को गुजरात के मेहसाणा से गिरफ्तार कर लिया. विजयलक्ष्मी की निशान देही पर मामले में शामिल एक अन्य आरोपी मनप्रित को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों से पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि दोनों आरोपियों के तार दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद ठगी गिरोह के मुख्य सरगना संदीप सिडाना से जुड़े हुए हैं. 


ठगी के मुख्य आरोपी विजयलक्ष्मी ने अपने पहले अपने रिश्तेदार कुलदीप को सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने अपने जाल में फंसाया. उसने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर की नौकरी दिलवाने के एवज में 25 लाख रुपये लिए. कुलदीप ने अलग-अलग खातों में ये रुपये जमा करा दिए. 


इस दौरान उसने कुलदीप को कमीशन का लालच दिया और उसके दोस्तों को भी नौकरी के लिए रुपये देने के लिए प्रेरित किया. इस पर कुलदीप के दोस्त अमित डारा, रजनीश कुमार, सुनील जैन, अंकित कुमार, विकास, अनीस जाट, प्रदीप बुडानिया, राहुल कुलहरी, रविकांत, सूर्य प्रकाश, सुरेश कुमार और नरेश कुमार ने उसे 95 लाख रुपये एकत्रित कर दिए. उसने यह पैसा विजय लक्ष्मी राठी के कहने पर उसकी पत्नी द्रोपदी के खाते में डाल दिए.  


इस तरह से आरोपी उससे 1.20 करोड़ रुपये नौकरी के नाम पर ले लिए और जब भी उससे नौकरी की बात कहते तो आना-कानी करने लगते. बाद में पीड़ित को पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है. आरोपी किसी को भी नौकरी नहीं दिलवा पाएगा. इस पर कुलदीप ने पुलिस ने मामला दर्ज करया. पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है.