Udaipur News: उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल के घाटा ग्राम पंचायत में मौसमी बीमारी का कहर जारी है. ताजा घटना में एक और मासूम की मौत हो गई, जिससे अब तक कुल 17 मौतें हो चुकी हैं. ग्राम पंचायत में मौसमी बीमारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हैं.


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इस गंभीर स्थिति पर सरपंच निकाराम गरासिया ने प्रशासन को जानकारी दी है. इसके बाद चिकित्सा विभाग हरकत में आया और घाटा ग्राम पंचायत की चार फलो में चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं. कोटड़ा से भी चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची है, जो घर-घर जाकर मरीजों का इलाज कर रही है.


अब तक 400 से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है. मौके पर डिप्टी CMHO दीपक जैन और कोटड़ा BCMO शंकरलाल चह्वाण की उपस्थिति में चिकित्सा कार्य जारी है. इस बीच, देवला क्षेत्र के सभी झोलाछाप डॉक्टर भूमिगत हो गए हैं, और कई मेडिकल क्लिनिकों पर ताले लग चुके हैं.


ग्रामीणों में असंतोष और भय का माहौल है, और वे जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. यह स्थिति प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है, और स्वास्थ्य विभाग हरसंभव प्रयास कर रहा है कि मौसमी बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके. आप को बता दे कि आदिबासी क्षेत्र में सरकारी चिकित्सा व्यवस्था के बदहाल के कारण यहां बड़ी तादात में झोलाछाप डॉक्टर आदिवासी समाज के लोगो का उपचार करते है.


ऐसे में मरीजो को सही उपचार नही मिल पाता है और उन्हें अपनी जान गवानी पड़ती है. यही नहीं चिकित्सा विभाग भी झोलाछाप डॉक्टर्स पर कार्यवाही करने के नाम पर महज खानापूर्ति कर अपनी जीम्मेदारी से इतिश्री कर देता है.