Udaipur Murder : उदयपुर में हिंदू टेलर कन्हैयालाल के तालिबानी मर्डर को लेकर बयानबाजी जारी है. मामले पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के मदरसों को लेकर दिया गया बयान चर्चा का विषय है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वो 2008 में ही देवबंद को पत्र लिख भी चुके हैं लेकिन उनको आज तक इसका कोई जवाब नहीं आया.


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उन्होंने एक पाकिस्तानी स्कॉलर का हवाला देते हुए बताया कि मदरसों में दी जा रही शिक्षा खतरनाक है. ज़ी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी स्कॉलर को भी अपना देश छोड़ना पड़ा,  क्योंकि मदरसों की शिक्षा पर सवाल उनकी ओर से उठाए गए. दुबई, फिर मलेशिया गए उनकी जान को खतरा भी है.


आरिफ मोहम्मद खान ने उदयपुर मर्डर पर कहा कि वो मुस्कुरा रहे थे और फिल्म बना रहे थे. शर्म आ रही है. उन्होंने कहा कि पहली बार 2008 में मदरसों की शिक्षा को लेकर मैंने देवबंद को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि मैंने देवबंद वालों को खत लिखा था कि आप अपनी राय थोपेंगे तो गलत है और इस पत्र का जवाब नहीं देंगे तो हम आर्टिकल लिखेंगे. जवाब नहीं मिलने पर मैंने आर्टिकल लिखा और वो छपा भी.


देवबंद की ओर से आतंकवाद के खिलाफ सम्मेलन पर मैंने उनको बधाई दी और लेकिन पूछा कि आपकी किताबों में ये कैसी शिक्षा दी जा रही है. उनसे ये पूछे जाने पर कि क्या पढ़ाया जाता है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने पाकिस्तानी स्कॉलर का हवाला दिया जिनकी ओर से ये कहा गया है कि दहशतगर्दी का कारण मजहबी फिक्र और धार्मिक सोच है जो मुसलमानों को मदरसों में पढ़ाया है. तीन-चार चीजें है जो मदरसों में हर जगह पढ़ाई जाती हैं.


 पहली चीज दुनिया में कहीं भी कुफ्र होगा तो ऐसे शख्स को सजा देने का अधिकार है, दूसरी बात ये पढ़ाई जाती है कि गैर मुस्लिम इसलिए पैदा हुए हैं कि मुसलमान उन पर शासन कर सकें. तीसरी बात जो हमारी मर्जी से हुकूमत नहीं और उसका शासन है तो जल्द से जल्द पलटना चाहिए.


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