पत्नी से मिला धोखा तो महाराज बने संन्यासी, हर साल लगता है यहां मेला

Fri, 26 Aug 2022-7:00 pm,

अलवर (Alwar) की भूमि को तपो भूमि कहा जाता है. उज्जैन के महाराजा भृतहरि (Maharaja Bhritahari) ने राजपाट छोड़ वैराग्य धारण किया और अलवर के सरिस्का के जंगलों में तपस्या की. और महाराजा भृतहरि यहीं समाधि में लीन हो गए. वीडियो में जानिए महाराजा भृतहरि की कहानी.

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