धान की खेती कर रहे किसान दें ध्यान, वरना झेलेंगे तगड़ा नुकसान

Sandhya Yadav
Sep 11, 2023

किसान थे परेशान

एक तरफ जहां बारिश न होने की वजह से धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें छा गईं थी, वहीं कुछ जगहों पर बारिश के चलते एक बार फिर से उनकी हंसी लौट आई है.

सिंचाई के लिए खुश

ऐसा माना जा रहा है कि बारिश की वजह से धान के किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा और उन्हें सिंचाई के लिए ठीक-ठाक पानी मिल गया है.

धान की खेती करने वाले किसानों से जुड़ी खबर

यह तो बात रही मौसम से जुड़ी हुई लेकिन धान की खेती करने वाले किसानों के लिए आज हम एक अहम खबर लेकर आए हैं.

खास एडवाइजरी

दरअसल पूसा इंस्टीट्यूट ने खरीफ और सब्जी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए एक खास एडवाइजरी जारी की है.

फसल पर फोकस

इस खास एडवाइजरी में बताया गया है कि किसानों को धान की फसल पर खास फोकस करने की जरूरत है.

रोगों से बचाव

आजकल धान की फसल में कई तरह के रोग लग जाते हैं. इनका मैनेजमेंट करने के लिए किसानों को खास सलाह दी गई है.

जरूरत के हिसाब से सिंचाई

वैज्ञानिकों के मुताबिक, मौसम को देखते हुए सभी खड़ी फसलों सब्जियों में जरूरत के हिसाब से ही सिंचाई करनी चाहिए.

निराई-गुड़ाई का काम

खेतों में उगने वाली खरपतवारों को कंट्रोल करने के लिए निराई-गुड़ाई का काम भी ठीक से करना चाहिए.

कीटों की निगरानी

किसानों को फसलों में कीटों की निगरानी रखने की जरूरत है, नहीं तो तना छेदक कीट फसलों को खराब कर सकता है. ऐसे में फिरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल करना चाहिए.

कारटाप का छिड़काव

अगर तना छेदक कीट का प्रभाव ज्यादा हो तो कारटाप 4% दाने 10 किलोग्राम प्रति एकड़ का बुरकाव करना चाहिए.

इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव

अगर प्रकोप ज्यादा है तो इमिडाक्लोप्रिड दवाई 1.0 मिली प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर फसलों पर छिड़काव करना चाहिए.

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