आचार्य चाणक्य

सच्चे देस्त को लेकर आचार्य चाणक्य बताते हैं कि दोस्ती में कुछ बातें ऐसी होती है जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता नहीं तो सालों पुरानी दोस्ती दुश्मनी में बदल सकती है.

Anamika Mishra
Sep 15, 2023

विष

ऐसे से दोस्तो से बचे जो आपके मुंह पर मीठी बातें करते हैं, लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की सोचते हैं, ऐसे दोस्त उस विष के घड़े के समान है, जिसकी उपरी सतह दूध से भरी है

बुरा मित्र

एक बुरे मित्र पर कभी विश्वास ना करे. एक अच्छे मित्र पर भी विश्वास ना करें. क्यूंकि यदि ऐसे लोग आपसे रुष्ट होते हैं तो आप के सभी राज से पर्दा खोल देंगे.

साप

एक दोस्त और सांप में यह अंतर है कि साप तभी डंक मरेगा जब उसकी जान को खतरा होगा  लेकिन बुरा दोस्त पग-पग पर हानि पहुंचाने की कोशिश करेगा.

पशु

मूर्खो के साथ मित्रता नहीं रखनी चाहिए उन्हें त्याग देना चाहिए, क्योंकि वह वे दो पैरों वाले पशु के जैसे हैं, जो अपने धारदार वचनों से हदय को छलनी करते हैं जैसे अदृश्य कांटा शरीर में घुसकर शरीर को छलनी कर देता है

लालची व्यक्ति

लालची व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है और उसे अपने सिवा दूसरा कोई नजर नहीं आता. दोस्ती की नींव हमेशा विश्वास पर होती है. जिस रिश्ते में विश्वास नहीं होता, वह रिश्ता कमजोर हो जाता है.

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