बुद्ध पूर्णिमा

इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा यानी 5 मई को पड़ा

Zee Rajasthan Web Team
May 06, 2023

रानी यशोधरा

यशोधरा कोलिय वंश के राजा सुप्पाबुद्ध और रानी पामिता की बेटी थी

बुद्ध विवाह

16 वर्ष की आयु में यशोधरा और सिद्धारथ का विवाह हुआ था

विवाहिक जीवन

यशोधरा और सिद्धारथ एक दुसरे का पुरा ख्याल रखते थे

13 साल बाद जन्मा बालक

यशोधरा ने एक बच्चे को जन्म दिया जिसका नाम राहुल था, लेकिन सिद्धारथ तब तक घर त्यागने का फैसला कर चुके थे

शाही जीनव का त्याग

अब सिद्धारथ आत्मज्ञान की खोज में निकल पड़े, जिससे यशोधरा बेहद दुखी थी

यशोधरा ने भी त्यागा शाही जीवन

इसके बाद यशोधरा ने भी शाही जीवन का त्याग कर साध्वी बनने का फैसला लिया

बेटे को दी शीक्षा

अपने बेटे राहुल को भी पिता के जीवन और ज्ञान से सीख लेने को कहती थी

6 साल बाद वापिस आये बुद्ध

ज्ञान प्राप्ति के बाद 100 साधु संतो के साथ आये बुद्ध, लेकिन यशोधरा नहीं आयी मिलने

बुद्ध से नहीं मिलने आई यशोधरा

यशोधरा अपने पति से मिलने महल द्वार पर नहीं आई, अपनी झोपडी पर ही बुद्ध का इंतजार किया

दोनों का मिलन

इसके बाद गौतम बुज्ध उनसे मिलने आए और यशोधरा ने उनका स्वागत किया

रानी यशोधरा बनी भिक्षुणी

फिर गौतम बुद्ध उन्हे आत्म-ज्ञान के मार्ग पर ले गए, और यशोधरा भी मोक्ष पाने की राह पर चल पड़ी

यशोधरा कैसे बनी गौतमी

माना जाता है की इस दिशा में आगे चलते ने भिक्षुणी बन चुकी थी, इसलिए उन्हे गौतमी कहा जाने लगा

गौतमी का निर्वाण

गौतमी को ये ज्ञात हुआ कि इन दोनों कि मृत्यु एक ही समय होगी तो खुद को बुद्ध से पहले त्यागने का फैसला लिया

बुद्ध का महानिर्वाण

गौतम बुद्ध ने इस फैसले का सम्मान किया और उनसे 2 वर्ष बाद महानिर्वाण प्रापत किया

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