नवरात्रि में कलश पर नारियल को रखा जाता है, नारियल को हमेशा शुद्ध कपड़े में लपेटकर और मौली बांधकर रखा जाना चाहिए.
बिना वस्त्र लपेटे और बिना मौली बांधे रखा गया नारियल की शुभता भी कम हो जाती है.
कलश पर नारियल रखते समय नारियल का मुख ऊपर की तरफ हो, यानि की वो हिस्सा जिसमें तीन आखें बनी होती हैं.
कलश पर नारियल हमेशा सीधा रखना चाहिए, हालांकि कभी-कभी नारियल का मुख किसी दिशा की तरफ मुड़ सकता है.
अगर कलश पर नारियल का मुख पूर्व दिशा में दिख रहा है तो नारियल को तुरंत सीधा करें, इस दिशा में ढला हुआ नारियल पूजा फल को प्रभावित करता है.
कलश को हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में रखें, याद रहे कलश का स्थान मां दुर्गा की प्रतिमा के उत्तर पूर्व दिशा में ही हो.
इस दिशा में रखा हुआ कलश सबसे अच्छा माना जाता है और शुभ फल की प्राप्ति कराने वाला होता है. उत्तर पूर्व दिशा में की गयी कलश स्थापना प्रभावशाली और पवित्र कही गयी हैं.
कलश के नीचले स्थान पर ब्रह्मा, ऊपरी स्थान पर विष्णु, कंठ में शिवजी और बीच के खाली स्थान पर मां दुर्गा की शक्तियों का वास माना जाता है.
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले कलश स्थापना की जाती है. जो नवरात्रि में बेहद अहम मानी जाती है.