राजस्थान का वो मंदिर, जहां प्रसाद नहीं चढ़ती हैं हथकड़ियां

नवरात्रि 2024

देश में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 09 अप्रैल से होगी.

लंबी कतारें

माता के मंदिरों में लोगों की लंबी कतारें लगेगी.

नारियल-चुन्‍नी

माता के मंदिर में अक्सर आपने नारियल-चुन्‍नी चढ़ाकर मन्‍नत मांगते हुए देखा ही होगा

हथकड़ी

लेकिन राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है जहां माता को नारियल-चुन्‍नी नहीं बल्कि हथकड़ी चढ़ाकर मन्‍नत मांगते है

दिवाक मंदिर

राजस्थान के प्रतापगढ़ में दिवाक मंदिर में लोग माता को हथकड़ी चढ़ाकर मन्‍नत मांगते है

हथकड़ी और बेड़‍ियां

मान्यता है कि दिवाक मंदिर में हथकड़ी और बेड़‍ियां चढ़ाने से लोगों की मन्नत पूरी होती है

200 साल पुराना त्रिशूल

मान्यताओं के अनुसार, दिवाका मंदिर में करीब 200 साल पुराना त्रिशूल है,जिस पर लोग हथकड़‍ियां और बेड़‍ियां चढ़ाते है

150 साल

मान्यताओं के अनुसार,इस त्रिशूल पर कई ऐसे भी हथकड़‍ियां है,जो 150 साल से भी ज्यादा पूरानी है

ड़ाकूओं

मान्यताओं के अनुसार, हथकड़‍ियां चढ़ाकर मन्नत मांगने की परंपरा की शुरूआत यहां के ड़ाकूओं द्वारा की गई

जेल से छुड़वाना

मान्यताओं के अनुसार,जो लोग अपने किसी परिजन को जेल से छुड़वाना चाहते है,वह यहां हथकड़‍ियां चढ़ाकर मन्नते मांगते हैं

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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