चित्तौड़गढ़ की राजमाता थी इस मुगल की बहन

Sneha Aggarwal
Mar 19, 2024

हल्दी घाटी का युद्ध

महाराणा प्रताप और मुगलों के बीच हल्दी घाटी का युद्ध हुआ था, जो काफी चर्चित है.

चित्तौड़गढ़ की राजमाता

लेकिन आज हम आपको मुगलों और चित्तौड़गढ़ की राजमाता के बीच के कनेक्शन के बारे में बताने जा रहे हैं.

हुमायूं

चित्तौड़गढ़ की राजमाता का भाई मुगल बादशाह हुमायूं था.

राणा रांगा

चित्तौड़गढ़ की राजमाता कर्णावती थी, जो वीर राजपूत राणा रांगा की पत्नी थीं.

दादी

कर्णावती वीर राजा महाराणा प्रताप की दादी थी.

सहासी

चित्तौड़गढ़ की राजमाता कर्णावती बहुत वीर और सहासी स्त्री थी.

राजपाठ

दरअसल, राजपूत राणा रांगा की मृत्यु के बाद बाहदुरशाह ने मेवाड़ पर हमला कर दिया. उस समय मेवाड़ का राजपाठ कर्णावती संभाल रही थी.

मदद

वहीं, राजमाता कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजी और मेवाड़ की रक्षा के लिए मदद मांगी.

आंखों से छलके आंसू

राजमाता कर्णावती की राखी देख हुमायूं की आंखों से आंसू छलकने लगे और सबके सामने हाथ पर राखी बांधी.

जौहर

बहादुरशाह की सेना ने मेवाड़ पर हमला कर दिया और घुसकर लूटपाट करनी शुरू कर दी. ऐसे में राजमाता कर्णावती ने हजारों महिलाओं के साथ जौहर कर लिया.

राखी का मान

इस बात की जानकारी जब हुमायूं को मिली, तो उसने बहन की राखी का मान रखा और बहादुरशाह पर आक्रमण कर दिया. इसी के चलते हुमायूं ने मेवाड़ जीता और राजमाता कर्णावती के बेटों को दे दिया.

VIEW ALL

Read Next Story