मैं अगर अपनी जवानी के सुना दूं किस्से... पढ़ें महशर आफ़रीदी के 10 बेहतरीन शेर

Ansh Raj
Sep 25, 2024

मैं अगर अपनी जवानी के सुना दूं किस्से ये जो लौंडे हैं मेरे पाँव दबाने लग जाएं

तुमको हिचकी लेने से भी दिक़्क़त थी मैंने तुमको याद ही करना छोड़ दिया

सबसे बेजार हो गया हूं मैं ज़ेहनी बीमार हो गया हूं मैं

तेरी खता नहीं जो तू गुस्से में आ गया पैसे का ज़ोम था तेरे लहज़े में आ गया

शराब दौड़ रही है रगों में ख़ून नहीं मेरी निगाह में अब कोई अफ़लातून नहीं

तेरे बग़ैर ही अच्छे थे क्या मुसीबत है ये कैसा प्यार है हर दिन जताना पड़ता है

उसी को हमसफ़र करना पड़ेगा नहीं तो दूर तक खाली सड़क है

अपने मे'यार से नीचे तो मैं आने से रहा शेर भूखा हूँ मगर घास तो खाने से रहा

ज़मीं पे घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं हमारी ख़ुश-नसीबी है कि हम भारत में रहते हैं

मैं अगर अपनी जवानी के सुना दूं किस्से ये जो लौंडे हैं मेरे पाँव दबाने लग जाएं

VIEW ALL

Read Next Story