राजस्थान का माता रानी को वो मंदिर, जो नवरात्रि में सात दिन रहता है बंद

Sneha Aggarwal
Apr 03, 2024

नवरात्रि के सात दिन बंद

भीलवाड़ा जिले में एक ऐसा शक्ति पीठ है, जो नवरात्रि में सात दिन बंद रहता है.

अष्टमी पर खुलते हैं पट

इस मंदिर के गर्भ गृह दर्शन के लिए 7 दिन बंद रहता है. इसके बाद अष्टमी को पट खुलते है, तब भक्त दर्शन करते हैं.

घाटा रानी माताजी

यह मंदिर जहाजपुर की घाटा रानी माताजी का है, जो भक्तों के लिए एक बड़ा आस्था का केंद्र बन चुका है.

घट स्थापना

इस मंदिर के पट दोनों नवरात्रि में घट स्थापना होने के पहले अमावस्या की संध्या आरती के साथ ही बंद कर दिए जाते हैं.

सात दिन बंद

7 दिन भक्त बाहर ही माता की पूजा करते हैं. यह ऐसा एकमात्र मंदिर है, जो सात दिन बंद रहता है.

अष्टमी

मंदिर के पट अष्टमी को मंगला आरती के बाद खुलते हैं. कहते हैं कि जो भक्त सच्चे मन से माता के दर्शन करने आते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है.

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, पुराने समय में एक ग्वाला जंगलों में गायें चराने जाया करता था. यहां नदी के किनारे गायें दूध पिया करती थी.

कन्या आकर पीती थी दूध

वहीं, ऊंची पहाड़ी से एक कन्या आकर गायों का दूध पी जाया करती थी. ऐसा कई दिनों तक चलता रहा. ऐसे में गायों के मालिक ने ग्वाले को कहा कि मैं तेरा मेहनताना काट दूंगा क्योंकि गायों का दूध तो तुम ही निकाल लेते हो.

छिपकर बैठा था ग्वाला

इससे परेशान ग्वाला एक दिन रखवाली के लिए पहाड़ के पीछे छिपकर बैठ गया तभी एक कन्या आई और गायों का दूध पीने लगी.

घाटारानी माता की पूजा

यह देख ग्वाला कन्या की तरफ दौड़ने लगा. ऐसे में कन्या पहाड़ी की ओर दौड़ी और कन्या भूमि में समाहित होने लगी तभी कन्या की सिर की चोटी ग्वाले ने पकड़ ली और कन्या एक पत्थर बन गई. इसके बाद से इस स्थान पर घाटारानी माता की पूजा की जाने लगी और यह आस्था का केन्द्र बन गया.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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