जीण माता का मंदिर जंगल के बीचोबीच तीन छोटी पहाड़ियों के बीच है.
तांत्रिक साधना
जीण माता मंदिर की दीवारों पर तांत्रिकों की मूर्तियां लगी हैं, जो बताती हैं कि यहां तांत्रिक साधना करते थे. मंदिर में जीण भगवती की अष्टभुजी प्रतिमा है.
घांघू गांव में जन्मी मां
मान्यत के अनुसार, जीण माता का जन्म राजस्थान के चूरू में घांघू गांव के एक राजघराने में हुआ छा.
जीण माता और हर्षनाथ
जीण माता को मां शक्ति का अवतार माना जाता है. वहीं, उनके बड़े भाई हर्ष को भगवन शिव का अवतार माना जाता है.
भाई-बहन के बीच हुई लड़ाई
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार दोनों भाई-बहन के बीच लड़ाई हुई. इसके बाद माता रानी ने इस स्थान पर आकर तपस्या शुरू कर दी. वहीं, बहन को नाराज होने से परेशान भाई हर्ष भी उनके पीछे-पीछे यहां आ गए.
नहीं मानी बहन
भाई हर्ष ने बहन को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन माता रानी नहीं मानी.
हर्षनाथ का मंदिर
इसके बाद भाई हर्ष भी पास में तपस्या करने लग गए. इसी जगह पर अपरावली की पहाड़ियों के बीच हर्षनाथ का मंदिर स्थित है.
बादशाह औरंगजेब ने किया हमला
कहते हैं कि जब मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना ने शेखावटी के मंदिरों में तोड़फोड़ की थी, तो लोगों ने जीण माता से गुहार लगाई.
मधुमक्खियों ने किया हमला
वहीं, जीण माता के चमत्कार से औरंगजेब की सेना पर मधुमक्खियों ने हमला किया, जिससे लहूलुहान होकर औरंगजेब के सैनिक भाग गए.
अखंड दीप के लिए तेल
कहते हैं कि इसके बाद औरंगजेब ने मां से माफी मांगी और मंदिर में अखंड दीप के लिए तेल भेजने का वचन दिया था.
भंवरों की देवी
इसके बाद दिल्ली और जयपुर से अखंड दीपक के लिए तेल भेजा जाने लगा. इस चमत्कार के बाद जीणमाता को भंवरों की देवी कहा जाने लगा.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.