इसलिए मनाया जाता है गणगौर पर्व, देवी गौरी पूरी करती मनोकामना

Sandhya Yadav
Apr 02, 2024

प्रमुख पर्वों में से एक

गणगौर राजस्थान के प्रमुख पर्वों में से एक माना जाता है और यह बहुत ही रंगीन त्योहारों की लिस्ट में जोड़ा जाता है.

माता पार्वती को समर्पित

गणगौर पूजा माता पार्वती को समर्पित है और इसमें उन्हें की पूजा की जाती है.

भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा

गणगौर पर्व पर सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अपने साथी की लंबी उम्र के लिए इच्छा जताती हैं.

मारवाड़ी मनाते

राजस्थान में गणगौर पर की बड़ी ही धमक देखने को मिलती है और यह हर उस जगह मनाया जाता है, जहां पर मारवाड़ी मिलते हैं.

दांपत्य संबंध अच्छा

मान्यता है जो लड़कियां महिला गणगौर पूजा करती है, उससे उनका दांपत्य संबंध भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के जैसा ही सुखद बनता है.

कैसे होती पूजा

गणगौर के पर्व पर शादीशुदा महिलाएं और कन्याएं शिवजी यानी कि गण और माता पार्वती यानी कि गौर बनाकर की उनकी पूजा करती हैं.

दूब और फूल चुनती

गणगौर पर्व में 16 दिन तक महिला सुबह उठकर बगीचे में जाकर दूब और फूल चुनती हैं और फिर उसे दूब से मिट्टी की बनी हुई गौर माता की पूजा करती हैं.

गहने समर्पित करती

माना जाता है कि जो लोग गणगौर पर्व के दिन माता पार्वती को जितने अधिक गहने समर्पित करती हैं, उतनी ही उनके घर परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है.

किसको दिए जाते गहने

पूजा के बाद गहने नाराज स देवरानी जेठानी आदि को दिए जाते हैं. इस पूजा में देवी पार्वती को कुमकुम, हल्दी और मेंहदी चढ़ाई जाती है.

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