घर बनाते समय हम हर कमरे की दिशा का ध्यान रखते हैं लेकिन मॉर्डन बाथरूम के कांसेप्ट में वास्तु के नियम भूल जाते हैं.

Pragati Awasthi
Jul 22, 2023

वास्तुशास्त्र में अटैच बाथरूम की मनाही है. ये घर की सकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है.

वास्तुशास्त्र के अनुसार कभी भी बाथरूम और टॉयलेट को साथ में नहीं बनवाना चाहिए.

बाथरूम के दरवाजे को हमेशा बंद रखना चाहिए, ताकि घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास ना हो जाए.

बाथरूम के नल से पानी टपक रहा हो तो उसे तुरंत ठीक करा लें, ये आपको गरीब बना सकता है.

बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए, वास्तु में नीले रंग को शुभता का प्रतीक माना गया है.

पूर्व दिशा की ओर मुंह करके स्नान करने से शरीर की गंदगी दूर होने के साथ ही नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है.

पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा है. इसलिए उनका प्रभाव इस दिशा पर होता है.

सूर्यदेव आपके व्यक्तित्व में तेज और प्रभावशाली ऊर्जा के स्वामी होते हैं. इसलिए सुबह के समय पूर्व दिशा में सबसे अधिक सकारात्मक दिशा में नहाएं.

जब आप पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके स्नान करते हैं तो शरीर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और कदम कामियाबी मिलती है.

सकारात्मक ऊर्जा से ना सिर्फ आपका व्यक्तित्व चमकता है बल्कि इससे आपकी किस्मत में भी चार चांद लग जाते हैं.

(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है )

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