गांव के लोगों से हाथ मिलाने पर राजीव गांधी के हाथ से खून निकलता था.. सैम पित्रोदा के इस बयान से बवाल मचना तय!
Sam Pitroda: ये वही सैम पित्रोदा हैं जो अभी कुछ ही साल पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. तब उन्होंने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं. क्योंकि 1984 के बारे में क्या बात करें. उस समय हुआ तो हुआ, इसमें क्या. इस बार वे राजीव गांधी के बारे में एक और बयान देते नजर आए हैं.
Rajiv Gandhi Handshake: एक जमाने में राजीव के करीबी रहे और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा एक बार फिर विवादास्पद बयान लेकर हाजिर हैं. उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में ऐसा बयान दिया जिस पर बवाल मचना तय है. उन्होंने कहा कि एक बार जब राजीव गांधी ने ने लगातार पांच हजार लोगों से हाथ मिलाया तो उनकी हथेली से खून बहने लगा था. हालांकि पित्रोदा ने यह भी कहा कि वे सभी लोग गांवों के थे और उनमें से ज्यादातर खुरदरी त्वचा वाले मेहनत वाले लोग थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद राजीव गांधी की हथेली से खून बहने लगा.
'राजीव गांधी ने ये बात उन्हें खुद बताई थी'
दरअसल, सैम पित्रोदा ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में ये बातें कही हैं. उन्होंने बताया कि राजीव गांधी ने ये बात उन्हें खुद बताई थी और उस समय उनकी यानि कि सैम पित्रोदा की पत्नी भी उनके साथ थीं. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी को जमीनी लोगों से मिलने की उत्सुकता थी. मुझे याद है कि एक बार मैं और मेरी पत्नी राजीव गांधी से मिलने गए थे, हमने देखा कि उनके हाथों से खून बह रहा था. जब हमने इसका कारण उनसे पूछा तो उन्होंने इसके कहानी बताई. उन्होंने कहा कि उन्होंने पांच हजार लोगों से हाथ मिलाया है. मैं जहां भी गया, मुझे हाथ मिलाना पड़ा. इसीलिए शायद उनकी हथेली से खून निकलने लगा.
'वे सभी ग्रामीण थे उनकी त्वचा बहुत खुरदरी थी'
इसके बाद सैम पित्रोदा ने आगे जोड़ा कि वे सभी ग्रामीण थे उनकी त्वचा बहुत खुरदरी थी क्योंकि वे कड़ी मेहनत करते थे. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. इसका वीडियो शेयर करते हुए कई बीजेपी नेताओं ने उनकी आलोचना भी की है. कुछ लोगों का कहना है कि इस पर बवाल मचना तय है. हालांकि इस पर अभी तक किसी बड़े कांग्रेस नेता का बयान सामने नहीं आया है. सैम पित्रोदा आए दिन उलूल-जुलूल बयान देते रहते हैं. अभी हाल ही में उन्होंने राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा नहीं होना चाहिए.
ये वही सैम पित्रोदा हैं जो..
हालांकि कांग्रेस ने राम मंदिर वाले उनके बयान से खुद को अलग कर लिया था. पार्टी की तरफ से यह कहा गया था कि यह सैम पित्रोदा की निजी राय है. वैसे ये वही सैम पित्रोदा हैं जो अभी कुछ ही साल पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. तब उन्होंने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं. क्योंकि 1984 के बारे में क्या बात करें. उस समय हुआ तो हुआ, इसमें क्या. इस बार वे राजीव गांधी के बारे में एक और बयान देते नजर आए हैं.