Delhi Coaching Centre: राव IAS कोचिंग सेंटर MHA के रडार पर, छात्रों की मौत पर हर तरफ गुस्सा, धनखड़ ने भी कोसा
Delhi Coaching Centre: दिल्ली के राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है. इस बीच छात्रों की मौत की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी गठित की है.
Delhi Coaching Centre: दिल्ली के राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है. इस बीच छात्रों की मौत की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी गठित की है. कमेटी हादसे के कारणों की जांच करेगी. राज्यसभा में भी सोमवार को यह मुद्दा गूंजता रहा. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पूरी घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटरों की संस्कृति किसी ‘गैस चैंबर’ से कम नहीं है.
गृह मंत्रालय ने कमेटी गठित की
बता दें कि राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में छात्रों की मौत की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी गठित की है. कमेटी हादसे के कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीतिगत बदलावों की सिफारिश करेगी. कमेटी में अपर सचिव, एमओयूएचए, प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली सरकार, विशेष सीपी, दिल्ली पुलिस, फायर सलाहकार और जेएस, एमएचए शामिल होंगे. यह कमेटी अपनी रिपोर्ट 30 दिनों में सौंपेगी.
फूटा उपराष्ट्रपति का गुस्सा
वहीं राज्यसभा में सभापति धनखड़ ने कोचिंग सेंटरों पर अखबारों में विज्ञापनों पर होने वाले भारी खर्च की जांच करने की जरूरत पर बल दिया. दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में जलभराव के कारण ‘यूपीएससी’ के तीन अभ्यर्थियों की मौत की घटना पर सोमवार को राज्यसभा में नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा हुई. चर्चा की अनुमति देते हुए धनखड़ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि देश के युवा जनसांख्यिकीय लाभांश को पोषित किया जाना चाहिए. मुझे यह भी लगता है कि कोचिंग वस्तुतः व्यवसाय बन गई है.’
बड़ी रकम की ओर भी इशारा
उन्होंने कोचिंग सेंटरों द्वारा अर्जित की जाने वाली बड़ी रकम की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा, ‘कोचिंग उच्च रिटर्न वाला एक फलता-फूलता उद्योग बन गया है...जब भी हम अखबार का पहला पन्ना पढ़ते हैं तो एक या दो पेज विज्ञापनों के होते हैं...विज्ञापन पर खर्च किया जाने वाला हर पैसा छात्रों से आ रहा है, हर नयी इमारत छात्रों (के पैसों) से आ रही है.’
गैस चैंबर से कम नहीं..
कोचिंग संस्कृति की तुलना ‘गैस चैंबर’ से करते हुए सभापति ने कहा, ‘ऐसे देश में जहां अवसर बढ़ रहे हैं, यह एक समस्या बन रहा है... वे गैस चैंबर से कम नहीं हैं.’ उन्होंने सदस्यों से युवाओं को देश में उपलब्ध विभिन्न रोजगार और कौशल अवसरों के बारे में बताने का आग्रह किया.
राजनीति नहीं करने की अपील
वहीं, जया बच्चन ने कोचिंग सेंटर हादसे को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिवारों के दुख के बारे में कुछ भी नहीं कहना बेहद क्षुब्ध करने वाला है. प्राधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण हाल ही में दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में छात्र:छात्रा की मृत्यु की दुखद घटना पर राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा में हिस्सा ले रहीं जया बच्चन ने कहा ‘बच्चों के परिवारों के बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा. उन पर क्या गुजरी होगी! तीन युवा बच्चे चले गए.’