Kashmir Rapper: कश्मीर घाटी में रैप संस्कृति ने हाल के वर्षों में अपनी जगह बना ली है. कश्मीर के युवा अब रैप संगीत के माध्यम से अपनी बात कहने लगे हैं, जो कश्मीर की सदियों पुरानी सूफी संस्कृति का भी एक हिस्सा बन गया है. कश्मीर के सैकड़ों युवा तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए रैप करते हैं और सोशल मीडिया पर छा जाते हैं. एक रूढ़िवादी समाज में नई पीढ़ी का रैपर बनना एक बदलते हुए कश्मीर की तस्वीर है.


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'बदलता कश्मीर' से इंटरनेट पर धूम मचा दी


कश्मीर के एक लोकप्रिय रैपर एमसी रा, जिनका असली नाम मोहम्मद रसिक अहमद शेख है, ने अपने गाने 'बदलता कश्मीर' से इंटरनेट पर धूम मचा दी थी. इस गाने ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद के सकारात्मक बदलावों को दिखाया और पहले ही दिन इसे 1 मिलियन दर्शकों ने देखा. रसिक, जो शोपियां के छोटे से गांव पीरपोरा से हैं, ने कहा कि इस गाने के लिए उन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और जी-20 की सफलता जैसे दृश्यों ने प्रेरित किया.


भारतीय सेना के लिए भी गाना बनाया


रसिक का कहना है कि वह श्रीनगर से शोपियां जाते समय रास्ते में हो रहे विकास को देखकर ही इस गाने की सोचते थे. उन्होंने 2018 में अपना पहला रैप लिखा और तब से ही सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई. उन्होंने भारतीय सेना के लिए भी एक गाना बनाया और कई पुरस्कार जीते हैं.


रैप बना अभिव्यक्ति का माध्यम


कश्मीर के कई मुस्लिम रैपरों ने पिछले कुछ वर्षों में इस कला का उपयोग अपने विचार व्यक्त करने के लिए किया है. यह रैप संगीत कश्मीरी युवाओं के लिए अभिव्यक्ति का एक माध्यम बन गया है. जो उनके सामाजिक और राजनीतिक अनुभवों को दर्शाता है. रैप के ज़रिए युवा अपनी भावनाओं और लक्ष्यों को व्यक्त कर रहे हैं और लोगों के विचारों की परवाह किए बिना अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं.