New RAW Chief: जासूसी-टेक्नोलॉजी में महारत, कश्मीर और पूर्वोत्तर के एक्सपर्ट; कौन हैं RAW के नए `बॉस` रवि सिन्हा
Who is IPS Ravi Sinha: पड़ोसी देशों के मामलों के एक्सपर्ट माने जाने वाले सिन्हा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक रूप से उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, कुछ देशों से सिख चरमपंथ को हवा देने की कोशिशें की जा रही हैं और पूर्वोत्तर में, खासकर मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास हो रहे हैं.
RAW New Boss: इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) के सीनियर अधिकारी रवि सिन्हा को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया प्रमुख बनाया गया है. वह सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून 2023 को खत्म हो रहा है. रवि सिन्हा पड़ोसी देशों के मामलों के एक्सपर्ट भी हैं.
छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के IPS अधिकारी सिन्हा दो दशक से अधिक समय से रॉ से जुड़े रहे हैं. वह फिलहाल रॉ में दूसरे नंबर के अधिकारी हैं. प्रमोशन से पहले उनके पास रॉ के ऑपरेशनल ब्रांच की कमान थी. सिन्हा अपने ऑपरेशनल और जासूसी स्किल के लिए जाने जाते हैं. उनके ही बैच के अधिकारी तपन डेका खुफिया ब्यूरो (IB) चीफ हैं.
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में महारत
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 59 साल के सिन्हा की दो साल के कार्यकाल के लिए रॉ सेक्रेटरी के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. सिन्हा को खुफिया जानकारी जुटाने में एडवांस टेक्नोलॉजी को शामिल करने का श्रेय दिया जाता है.
अपनी नई भूमिका में, सिन्हा से आज के समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए टेक्नोलॉजी और मानव खुफिया आयामों को इंटीग्रेट करने की उम्मीद है.
दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से पढ़ाई करने वाले सिन्हा ने कई फील्ड्स में काम किया है और उनके पास अनुभव और ज्ञान का खजाना भी है.
पड़ोसी देशों के मामलों के एक्सपर्ट माने जाने वाले सिन्हा की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक रूप से उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है, कुछ देशों से सिख चरमपंथ को हवा देने की कोशिशें की जा रही हैं और पूर्वोत्तर में, खासकर मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास हो रहे हैं.
कई देशों में किया काम
इसके अलावा, सिन्हा जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के अलावा कई देशों में काफी काम कर चुके हैं. सिन्हा से पहले सामंत गोयल को जून 2019 में दो साल के लिए रॉ प्रमुख नियुक्त किया गया था. बाद में उन्हें 2021 और जून 2022 में एक-एक साल का दो बार सेवा विस्तार दिया गया था.
माना जाता है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों के एक्सपर्ट गोयल ने पाकिस्तान के बालाकोट में फरवरी 2019 के सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. सर्जिकल स्ट्राइक पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई थी.
पुलवामा हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक आत्मघाती हमलावर ने यह हमला किया था. हमले के जवाब में, भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट में जैश के आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप पर हमला कर उसे नेस्तनाबूद कर दिया था.
(इनपुट-पीटीआई)