रविंद्र रैना प्रदेश अध्यक्ष से हटाए गए तो सीधे राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मिली जगह, ये प्रमोशन है या डिमोशन?
Jammu Kashmir: विधानसभा चुनाव में रविन्द्र रैना राजौरी जिले के नौशेरा विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार सुरिंदर चौधरी से विधानसभा चुनाव हार गए थे. लेकिन उनका डिमोशन करने की बजाय प्रमोशन किया गया है.
Ravinder Raina BJP: भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपने संगठन में बदलाव करते हुए सत शर्मा को प्रदेश इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. वे रवींद्र रैना की जगह लेंगे, जो पहले इस पद पर थे. इस घोषणा को भाजपा महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में सार्वजनिक किया गया. गौरतलब है कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सत शर्मा को टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद उन्हें प्रदेश इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष रहे
रवींद्र रैना, जिन्होंने नौशेरा सीट से विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया, लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. पार्टी ने उन्हें अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया है. विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी.
डिमोशन करने की बजाय प्रमोशन
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई में यह बदलाव रविवार को होने वाली पार्टी विधायक दल की बैठक से कुछ घंटे पहले किया गया है. विधानसभा चुनाव में रविंदर रैना (Ravinder Raina) ने नौशेरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार चौधरी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. उन्हें 7819 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. रविंदर रैना के हार के बाद से ही कयास लग रहे थे कि भाजपा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा सकती है. लेकिन उनका डिमोशन करने की बजाय प्रमोशन किया गया है.
चुनावों में 29 सीट पर जीत
उधर लगभग छह साल के अंतराल के बाद चार नवंबर से शुरू हो रहे जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पहले सत्र से पूर्व अपने विधायक दल का नेता चुनने के लिए यह बैठक श्रीनगर में आयोजित की गई है. भाजपा ने हाल में संपन्न जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में 29 सीट पर जीत हासिल की थी. यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. जम्मू-कश्मीर में लगभग 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने जीत हासिल की.
राज्य में 90 सीट पर हुए चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 और कांग्रेस पार्टी ने छह सीट पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद, उमर अब्दुल्ला दूसरी बार इस पूर्ववर्ती राज्य और वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.