Jawaharlal Nehru Portrait Dispute in MP Legislative Assembly: मध्य प्रदेश असेंबली में पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर हटाकर बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर लगाए जाने का मामला गरमा गया है. कांग्रेस ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है. कांग्रेस का कहना है कि बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर लगाए जाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इसके लिए पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर हटाना जरूरी नहीं था. इस मुद्दे को लेकर असेंबली के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन हंगामा हो गया.


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नेहरू की तस्वीर हटाने से बिफरे कांग्रेसी


बताते चलें कि एमपी असेंबली में स्पीकर की सीट के पीछे महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू की तस्वीरें लगी हुई थी. अब वहां से पंडित नेहरू की तस्वीर हटाकर बाबा साहब अंबेडकर की पिक्चर लगा दी गई गई है. इस बात से कांग्रेस नेता बुरी तरह बिफरे हुए हैं. वे इसे देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू का अपमान बता रहे हैं. राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी सरकार के इस कदम को छोटी मानसिकता वाला बताकर कड़ी आलोचना की है. 


कमलनाथ ने जताया ऐतराज


कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा, 'मैं विधानसभा में संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर का चित्र लगाने का स्वागत करता हूं. बाबा साहेब के चित्र को विधानसभा में सम्मानित स्थान पर लगाया जा सकता था लेकिन जानबूझकर पंडित नेहरू का चित्र हटाया गया. मध्य प्रदेश विधानसभा से महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देश के प्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्र निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू का चित्र हटाया जाना अत्यंत निंदनीय है.'



'बाबा की तस्वीर लगाओ लेकिन'
 
कमलनाथ ने ट्वीट में आगे कहा, 'मैं याद दिलाना चाहता हूं कि मैंने घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर बाबा साहेब अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा लगाई जाएगी. भाजपा सरकार को अगर वास्तव में डॉक्टर अंबेडकर का सम्मान करना होता तो वह भी प्रदेश में बाबा साहेब की सबसे बड़ी प्रतिमा लगाने की पहल करती ना कि पंडित नेहरू की तस्वीर हटाकर अपनी छोटी मानसिकता का परिचय देती. मैं मांग करता हूं कि मध्य प्रदेश विधानसभा में पंडित नेहरू का चित्र ससम्मान लगाया जाए और प्रदेश में डॉक्टर अंबेडकर की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण शुरू कराया जाए.'


'गोडसे की तस्वीर लगा देगी बीजेपी'


राज्य के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती ने सदन से नेहरू की तस्वीर हटाने पर आपत्ति जाहिर की है. राजेंद्र भारती ने कहा, नेहरू और अंबेडकर दोनों सर्वोच्च नेता हैं, उनकी तस्वीरें विधानसभा में लगाई जानी चाहिए थीं. जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाना गलत है. जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी अभी सोच रही है, उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में दोनों महापुरुषों की तस्वीरें हटा देंगी और उनकी जगह नाथूराम गोडसे की तस्वीर लगा देंगी.'



'दोनों नेताओं की तस्वीर होनी चाहिए'


असेंबली से देश के पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाए जाने की भारतीय आदिवासी पार्टी ने भी आलोचना की है. पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार का कहना है कि जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर विधानसभा से नहीं हटाई जानी चाहिए. नेहरू और अंबेडकर दोनों सर्वोच्च नेता हैं, उनकी तस्वीरें वहां होनी चाहिए थीं.'


'पिछले कार्यकाल में हटाई गई तस्वीर'


नेहरू की तस्वीर हटाने पर मच रहे हंगामे पर प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव का बयान सामने आया है. उनका कहना है, 'यह सब पिछले कार्यकाल के दौरान हुआ. पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और बीआर अंबेडकर सर्वोच्च नेता हैं, सभी के लिए समान सम्मान है. विधानसभा सचिवालय में इस संबंध में एक विशेष समिति है और वह जो भी निर्णय लेगी उसका पालन किया जाएगा.



'कांग्रेस को नहीं करना चाहिए हंगामा'


वहीं राज्य के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला का कहना है कि कांग्रेस को इस तरह हंगामा नहीं करना चाहिए. उसे असेंबली में अंबेडकर की तस्वीर लगाने का स्वागत करना चाहिए. पंडित तस्वीर की तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर शुक्ला ने कहा कि इस बारे में असेंबली सचिवालय उचित निर्णय लेगा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर कहां लगाई जाए.