UP: रिटायर्ड जज सुरेंद्र यादव बनाए गए उप-लोकायुक्त, बाबरी विध्वंस मामले में दे चुके हैं फैसला
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Demolition Case) में पिछले साल बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं समेत 32 आरोपियों को बरी करने वाले सेवानिवृत्त जज सुरेंद्र कुमार यादव (Surendra Kumar Yadav) उत्तर प्रदेश के नए उप लोकायुक्त बनाए गए हैं.
लखनऊ: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Masjid Demolition Case) में पिछले साल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 32 आरोपियों को बरी करने वाले सेवानिवृत्त जज सुरेंद्र कुमार यादव (Surendra Kumar Yadav) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के नए उप लोकायुक्त पद की शपथ ली.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया था नियुक्त
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने छह अप्रैल को सुरेंद्र कुमार यादव (Surendra Kumar Yadav) को उत्तर प्रदेश का तीसरा उप लोकायुक्त नियुक्त किया था. सोमवार को लोकायुक्त संजय मिश्रा ने सुरेंद्र कुमार यादव को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
क्या होता है लोकायुक्त का काम?
लोकायुक्त भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की सुनवाई की एक संस्था है. लोकायुक्त एक गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति होता है और वह भ्रष्टाचार, सरकारी कुप्रबंधन या मंत्रियों अथवा लोक सेवकों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग जैसे मामलों की जांच के सांविधिक प्राधिकरण की तरह काम करता है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को किया था बरी
सुरेंद्र कुमार यादव (Surendra Kumar Yadav) ने 30 सितंबर 2020 को सीबीआई के विशेष जज की हैसियत से सुनाए गए फैसले में छह दिसंबर 1992 को हुए बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. इनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती तथा कल्याण सिंह भी शामिल थे.
निर्णायक सबूत नहीं होने के बाद दिया था फैसला
सुरेंद्र कुमार यादव (Surendra Kumar Yadav) ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपियों के खिलाफ कोई निर्णायक सबूत नहीं है और छह दिसंबर 1992 को जो भी हुआ वह कोई साजिश नहीं, बल्कि अचानक हुई घटना थी.
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बाबरी विध्वंस मामले 49 लोगों को बनाया गया था आरोपी
बता दें कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में मस्जिद का ढांचा गिराया गया था, जिसके बाद इस मामले में 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 17 की मौत हो चुकी है और बचे हुए 32 आरोपियों को 28 साल बाद अदालत ने पिछले वर्ष 30 सितंबर को बरी कर दिया था.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी बनाए गए थे.