नई दिल्ली: श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर तीन गिरजाघरों तथा पांच-सितारा होटलों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 310 लोग मारे गए हैं जबकि 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं. श्रीलंका की जांच टीम मान रही है कि हमले को इस्लामी चरमपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात के सदस्यों ने अंजाम दिया था. इन सबके बीच अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक इस्टेट (आईएस) ने ली है. रॉयटर्स ने अमाक न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा है कि आतंकी समूह आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

समाचार एजेंसी अमाक की ओर से जारी बयान के अनुसार, आतंकवादी समूह ने इसे 'इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों' का कार्य बताया है. श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार आत्मघाती बम विस्फोटों में मृतकों की संख्या बढ़कर 310 हो गई है और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मृतकों में सर्वाधिक विदेशियों में 10 भारतीय शामिल हैं. वहीं, श्रीलंका सरकार ने इस हमले के लिए स्थानीय इस्लामिक संगठन नेशनल तौहीद जमात को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, पुलिस द्वारा इस मामले में अबतक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. श्रीलंका में मंगलवार को सामूहिक अंतिम संस्कार किया जा रहा है और राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. 


 



बता दें कि हमले में 32 विदेशी नागरिकों की मौत हुई है, जिसमें 10 भारतीय शामिल हैं. इनमें से पांच जनता दल (सेक्युलर) के कार्यकर्ता हैं, जो बेंगलुरू में चुनाव संपन्न होने के बाद छुट्टी मनाने श्रीलंका गए थे. इनकी पहचान शिवन्ना, केजी हनुमनथाराया, एम रंगप्पा, केएम लक्ष्मीनारायण और लक्ष्मणा गौड़ा रमेश के रूप में हुई है. इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रमेश, लक्ष्मी और नारायण चंद्रशेखर की मौत की पुष्टि की थी. 


श्रीलंका में तमिल टाइगर्स एवं सरकार के बीच गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद रविवार को हुए आत्मघाती विस्फोट सबसे खतरनाक थे. गृहयुद्ध 1983 में शुरू हुआ था और 2009 में प्रभाकरन की मौत के साथ समाप्त हो गया था. श्रीलंका में ईसाइयों की आबादी करीब सात फीसदी, बौद्धों की 70, हिंदू 12 और मुस्लिम आबादी करीब 10 फीसदी है.


(इनपुट: IANS से)