Road Accidents: जिस तरह से हार्ट अटैक कभी भी और किसी को भी आ सकता है. ठीक उसी तरह सड़क दुर्घटना कभी भी और किसी के भी साथ हो सकती है. ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में श्याम नगर मंडी के पास भीषण सड़क हादसा हुआ. UP रोडवेज की सवारियों से भरी बस अचानक बेकाबू हो गई. हादसे के वक्त रोडवेज बस की स्पीड करीब 50 किलोमीटर थी. UP रोडवेज की इस बस ने आगे चल रहे 5 बाइक सवारों को रौंद दिया. हादसे में 3 बाइक सवारों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि, एक की हालत गंभीर है.


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जैसा की हमने शुरुआत में कहा था कि सड़क दुर्घटना कहीं भी और किसी के साथ भी हो सकती है. पहली नजर में आपको यही लगेगा कि इसमें बस ड्राइवर की गलती होगी क्योंकि बस तो ड्राइवर ही चला रहा था. बस ने ही बाइक सवारों को टक्कर मारी और उनकी मौत हुई. लेकिन आप गलत है. और इस हादसे की वजह है हार्ट अटैक. बताया जा रहा है कि ड्राइवर को अचानक से हार्ट अटैक आया था, जिसकी वजह से बस ड्राइवर बस से नियंत्रण खो बैठा. बस के आगे जो आया, रफ्तार से दौड़ रही बस उसे टक्कर मारती गई, जिसमें कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई.


अब आप सोचिए, इसमें किसकी गलती है? इसमें ना बस ड्राइवर की गलती है. ना बाइक सवारों की.किसी की गलती नहीं है. लेकिन इसके बाद भी सड़क दुर्घटना हुई और 3 लोगों की जान चली गई. वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी ड्राइवर को गाड़ी चलाते हुए हार्ट अटैक आया हो. इससे पहले भी ऐसा हुआ है. अब भारत में सड़क दुर्घटना का एक कारण हार्ट अटैक भी बन रहा है.सावधानी हटी और दुर्घटना घटी. ये मैसेज आपने भी जगह-जगह लिखा देखा होगा. लेकिन इसके बावजूद लोग सावधानी बरतने को तैयार नहीं है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सड़क सुरक्षा पर वैश्विक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में भारत का भी जिक्र है. जहां सड़क हादसों में हर वर्ष लाखों लोगों की मौत होती है. WHO की रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 के मुकाबले वर्ष 2022 में रोड एक्सीडेंट में हुई मौत का ग्राफ तेज़ी से बढ़ा है.


आंकड़ों पर एक नजर


  • साल 2021 में भारत में 4 लाख 13 हजार रोड एक्सीडेंट्स हुए. साल 2022 में 4,61,312 रोड एक्सीडेंट हुए.

  • साल 2021 में रोड एक्सीडेंट में 1,53,000 लोगों की मौत हुई थी.साल 2022 में मौत का आंकड़ा बढ़कर 1,68,491 हो गया.

  • सड़कों पर जिस तरह गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है ठीक उसी तरह से दुर्घटनाओं के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. साफ है कि हमारे देश में लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तो होते हैं. लेकिन ड्राइविंग सेंस की बहुत कमी है.

  • वर्ष 2021 में भारत में हर रोज 1130 सड़क हादसे हुए. साल 2022 में ये संख्या बढ़कर 1263 हो गए.

  • वर्ष 2021 में हर रोज 422 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई थी. वर्ष 2022 में ये बढ़कर 461 हो गए.

  • गाड़ी करोड़ों की हो या सवारी साइकिल की हो, सड़क पर जान किसी की भी गलती से जा सकती है. सड़कों पर सबसे ज्यादा खतरा बाइक चालकों को है. इसके बावजूद इन बाइक चालकों के हाथ में तो हेलमेट दिखता है. लेकिन चालक के सिर पर नहीं.

  • ओवरटेकिंग, ओवर स्पीडिंग, कहीं भी पार्किंग, ट्रैफिक सिग्नल्स तोड़ना. पुलिस वालों को कुछ ले देकर छूट जाना. ये वो वजहें है जो सड़क को बेहद असुरक्षित बना रही हैं.

  • भारत में हुए कुल सड़क हादसों में 66.5% यानी 1,12,072 लोग 18 से 45 साल की उम्र के हैं.

  • वर्ष 2022 में 18 साल से कम के 9,528 बच्चों की जान रोड एक्सीडेंट्स में गई. इसका मतलब ये कि हर रोज 26 बच्चों की सड़क हादसों में मौत हुई.


भारत की सड़कें पूरी दुनिया में सबसे असुरक्षित हैं. यहां किसी और की गलती से भी जान जा सकती है. दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स ऑटो पर लटककर स्टंट कर रहा है, लेकिन उसका ये स्टंट एक साइकिल सवार पर भारी पड़ा. साइकिल सवार सड़क पर गिरकर घायल हो गया.


  • भारत में सड़क हादसों की सबसे अहम वजह ओवर स्पीडिंग है. साल 2022 में ओवर स्पीडिंग की वजह से 1,19,904 लोगों की जान गई.

  • रॉन्ग साइड ड्राइविंग करने की वजह से 9094 लोगों की मौत हुई.

  • नशे में गाड़ी चलाने की वजह से 4201 लोगों की मौत हुई.

  • गाड़ी चलाते हुए मोबाइल फोन पर बात करते हुए 3395 लोगों की मौत हुई.

  • जबकि रेड लाइट जंप करते हुए रोड एक्सीडेंट में 1462 लोग मारे गए.


विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि अगर कार चालक 50 किलोमीटर प्रतिघंटे से बढ़ाकर गाड़ी की स्पीड 65 किलोमीटर प्रतिघंटा कर देता है तो दुर्घटना का खतरा साढ़े चार गुना बढ़ जाता है. बाइक चालक अगर सही तरीके से हेलमेट लगाकर चले तो मौत के खतरे को 6 गुना कम कर सकते है. लेकिन इसके लिए नियमों को मानना जरूरी है क्योंकि सावधानी से ही दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है.