Rohingya: रोहिंग्याओं को पाकिस्तान दे रहा आतंकी ट्रेनिंग, भारत ही नहीं.. इन 6 देशों के लिए भी बने मुसीबत
Rohingya Crisis: रोहिंग्याओं से भारत सहित 6 और देश परेशान हैं. पाकिस्तान इन्हें आतंक की ट्रेनिंग दे रहा है. इंटरनल सिक्योरिटी रिपोर्ट में रोहिंग्याओं को लेकर चौंका देने वाला खुलासा हुआ है.
Rohingya Crisis Update: रोहिंग्या मुसलमान इस्लाम को मानने वाला एक स्टेटलेस जातीय समूह है. ये म्यानमार के रखाइन प्रांत से आते हैं. म्यानमार सरकार की 2014 की जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक रखाइन की कुल आबादी करीब 21 लाख है, जिसमें से 20 लाख बौद्ध हैं. यहां करीब 29 हजार मुसलमान रहते हैं, लेकिन राज्य की करीब 10 लाख की आबादी को जनगणना में शामिल ही नहीं किया गया था. जनगणना में शामिल नहीं की गई इसी आबादी को रोहिंग्या मुसलमान माना जाता है. रिपोर्ट में इस 10 लाख की आबादी को मूल रूप से इस्लाम धर्म को मानने वाला बताया गया और म्यानमार ने इन्हें नागरिकता से वंचित कर दिया. इनके बारे में म्यानमार में ये कहा जाता है कि वे मुख्य रूप से अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं. हालांकि वे पीढ़ियों से म्यानमार में ही रह रहे हैं
कब और कैसे शुरू हुआ रोहिंग्या संकट?
दरअसल म्यानमार में 5 साल पहले सेना ने बड़े पैमाने पर रोहिंग्या मुसलमानों का दमन शुरू किया. तभी से रोहिंग्या मुस्लिम संकट तेजी से फैलता हुआ सबसे पहले बांग्लादेश पहुंचा. अब ये बांग्लादेश सहित 5 और दूसरे एशियाई देशों के लिए मुसीबत और खतरा दोनों बन चुका है. एक टॉप सोर्स रिपोर्ट के मुताबिक रोहिंग्याओं के चलते इन देशों में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं.
इन 6 देशों में मंडरा रहा रोहिंग्या संकट
बांग्लादेश, नेपाल, भारत, इंडोनेशिया, थाइलैंड और पाकिस्तान रोहिंग्या संकट मंडरा रहा है. रोहिंग्या, बांग्लादेश में ड्रग्स, महिला तस्करी, आतंकी वारदात में लिप्त हैं. रोहिंग्याओं से सबसे ज्यादा परेशान बांग्लादेश की सरकार ही रही है. एक आंकड़े के मुताबिक बांग्लादेश में करीब 11 लाख रोंहिग्या हैं. बांग्लादेश के रोहिंग्या बाहुल कॉक्स बाजार क्षेत्र में पिछले 5 साल में चोरी, हत्या, डकैती, दुष्कर्म, नशीले पदार्थों की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियां 7 गुना तक बढ़ चुकी हैं. यहां रोहिंग्या ड्रग्स और महिला तस्करी जैसे अपराधों में तेजी से शामिल हो रहे हैं. बांग्लादेश की स्थानीय आबादी वृद्धि दर 1% है, जबकि रोहिंग्या की आबादी वृद्धि 5% है. इनकी बढ़ती संख्या के कारण बांग्लादेश की सरकार इनके लिए सुविधाएं जुटाने में असमर्थ होती जा रही है.
भारत में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर एंट्री
भारत में इनके तार घुसपैठ से लेकर आतंकी गतिविधियों तक जुड़े हुए हैं. याद दिला दें कि पिछले दिनों बिहार पुलिस ने कट्टरपंथी संगठन PFI के दो लोगों को गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ के बाद एक के बाद एक कई खुलासे होते चले गए. PFI के इन दोनों आरोपियों से पूछताछ में एक ताजा खुलासा ये हुआ हुआ कि कट्टरपंथी पीएफआई अपने संगठन में भर्ती करने के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए जरूरी आधार कार्ड बनवाने का काम लगातार कर रहा है. इसके पीछे का मकसद और मोडस आपरेंडी ये है कि उनके आधार कार्ड पहचान पत्र को जरिया बनाकर इन्हे भारत के अलग-अलग राज्यों में दिहाड़ी मजदूरों के रूप में भेजा जा सके. अपने इस प्लान के तहत PFI सैकड़ों रोहिंग्याओं को बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भेज चुका है. इन दोनों आरोपियों के खुलासे के बाद बॉर्डर पर भारत की सख्ती की वजह से घुसपैठ करने में नाकाम रोहिंग्याओं का ग्रुप अब नेपाल पहुंच रहा है.
पाकिस्तान बना रोहिंग्याओं का बड़ा ठिकाना
भारत में जब रोंहिग्या घुसपैठ करने में नाकामयाब होने लगे तो उन्होंने पाकिस्तान का रूख कर लिया. एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान में भी म्यानमार से 5 साल के दौरान करीब ढाई लाख रोहिंग्या मुस्लिम पहुंच चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां रोहिंग्याओं को आतंकी ट्रेनिंग देकर बांग्लादेश सीमा से भारत में दोबारा आतंकी घुसपैठ कराने की तैयारी हो रही है.
थाईलैंड से रोहिंग्याओं को लौटाने का फरमान
रोहिंग्याओं के जरिए थाइलैंड के रास्ते मानव तस्करी का जाल मलेशिया तक फैल चुका है. थाईलैंड में करीब 92 हजार रोहिंग्याओं ने शरण ले रखी है और वो उस देश के सिस्टम के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं. यही कारण है कि थाइलैंड ने अपने यहां से रोहिंग्याओं को लौटाने का आदेश जारी कर दिया है. जिसके बाद अब तक करीब 14000 रोहिंग्याओं को थाइलैंड से वापस भेजा जा चुका है.
इंडोनेशिया ने भी रोहिंग्याओं को भगाया
मुस्लिम देश होने के बावजूद इंडोनेशिया अपराधों में लिप्तता और अपने खाने-रहने की परेशानी को देखते हुए अपने यहां रोहिंग्याओं को रखना नहीं चाहता. इंडोनेशिया इनके मोडस आपरेंडी को इनके पैर फैलाने से पहले ही भांप चुका था. यही कारण था कि इडोंनेशिया ने इनके खिलाफ इतनी सख्ती बरती कि बीते साल रोहिंग्याओं से भरी एक बोट को अपने एक प्रांत आचे में ठहरने तक नहीं दिया.
नेपाल के रास्ते पाकिस्तान पहुंच रहे रोहिंग्या
भारत नेपाल सीमा पर लगातार सख्ती की वजह से घुसपैठ करने में नाकाम रोहिंग्याओं का ग्रुप अब नेपाल के अलग-अलग इलाकों और खासकर उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में अपना डेरा जमा रहा है. नेपाल में रोहिंग्याओं के इन अलग-अलग ग्रुप्स से पाकिस्तान की ISI और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के हैंडलर नजदीकी बढ़ा रहे हैं. जो उन्हें पाकिस्तान के ट्रेनिंग कैंपों में आतंकी ट्रेनिंग के लिए लगातार भेज रहे हैं. पाकिस्तान में इन रोहिंग्याओं के ग्रुप्स को तैयार किया जा रहा है. इन्हें घुसपैठ की हाईटेक ट्रेनिंग के साथ भारत में दोबारा घुसने के लिए तैयार किया जा रहा है.
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