Rohini blast: दिल्ली के रोहिणी इलाके में रविवार को एक धमाका हुआ, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया, बल्कि पूरे देश के बड़े शहरों में रहने वालों के लिए चेतावनी का संकेत भी दे दिया है. यह धमाका 13 साल बाद दिल्ली में हुआ है और 19 साल में पहली बार दिवाली से ठीक पहले हुआ है. धमाके की आवाज और धुएं के गुबार के बीच लोग यह सोचने लगे हैं कि क्या यह किसी बड़े आतंकी हमले का ट्रेलर है.


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दिवाली से पहले खतरे की घंटी


यह धमाका सीआरपीएफ स्कूल के बाहर हुआ, जहां धमाके के समय आसपास के लोग दहशत में थे. धमाके के बाद लोगों ने देखा कि धुएं का गुबार और आसपास की दीवारों पर असर साफ दिखाई दे रहा था. धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि कई लोग सकते में आ गए. यह धमाका दिवाली से केवल दस दिन पहले हुआ है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि क्या दिल्ली में किसी बड़े आतंकी हमले की योजना बनाई जा रही है.


धमाके में इस्तेमाल हुए विस्फोटक


एक्सपर्ट्स के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल हुए विस्फोटक में तीन प्रमुख केमिकल्स का मिश्रण था..


हाइड्रोजन पेरोक्साइड: यह आमतौर पर फेशियल और ब्लीच में उपयोग होता है, लेकिन इसे बम बनाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
बोरेट: यह कृषि में कीटनाशक के रूप में काम आता है, जो आसानी से उपलब्ध है.
नाइट्रेट: इसका उपयोग कृषि उर्वरक में होता है और इसे भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है. इन केमिकल्स को मिलाकर देसी बम तैयार किया गया था, जो दिल्ली जैसे बड़े शहर में आसानी से उपलब्ध हैं.


खालिस्तानी आतंकवाद का संभावित लिंक


धमाके के बाद एक टेलीग्राम चैनल पर बम धमाकों की धमकी दी गई है, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि खालिस्तानी आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया है. कई सूत्रों का कहना है कि इस बम धमाके के पीछे पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI का हाथ हो सकता है. यह धमाका खालिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया गया हो सकता है, जिससे देश में अस्थिरता फैलाई जा सके.


सुरक्षा की स्थिति


हालांकि धमाके में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन NIA और NSG जैसी एजेंसियों की जांच से यह स्पष्ट होता है कि इस धमाके के पीछे एक बड़ा मकसद था. दिल्ली में त्योहारी मौसम में सुरक्षा के इंतजाम सवालों के घेरे में हैं. दिल्ली के कई बाजारों में सुरक्षा का स्तर कमज़ोर दिखाई दे रहा है, और पुलिस को लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहना होगा. सुरक्षा अधिकारियों ने यह भी बताया कि उन्हें पहले से ही ऐसे धमाकों की आशंका थी, और इस धमाके के बाद वे और भी सतर्क हो गए हैं.


चश्मदीदों के बयान


चश्मदीदों ने बताया कि धमाके के समय आस-पास के लोग अत्यधिक डर गए थे. यदि यह धमाका स्कूल के समय हुआ होता, तो बच्चों की जान भी जा सकती थी. एक चश्मदीद ने कहा, "हमने धुएं का गुबार देखा और तुरंत अपनी जान बचाने के लिए भागना शुरू कर दिया." एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि धमाके के तुरंत बाद कई लोग इकट्ठा हो गए और स्थिति की जानकारी लेने लगे. स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की और आसपास के क्षेत्र को खाली कराया.


रोहिणी का धमाका एक बड़ा चेतावनी संकेत


दिल्ली में रोहिणी का धमाका एक बड़ा चेतावनी संकेत है, खासकर दिवाली जैसे बड़े त्योहारों से पहले. सुरक्षा के इंतजाम कितने मजबूत हैं, यह एक बड़ा सवाल है. दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था हो. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जनता को भी सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को देनी चाहिए. यह समय है कि सभी लोग अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें और खुद भी जिम्मेदारी लें.